सन्दर्भ:
: हाल ही में मानगढ़ धाम (Mangarh Dham) में आयोजित राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के आदिवासियों के एक सम्मेलन में पृथक भील प्रदेश के गठन की मांग उठाई गई।
मानगढ़ धाम के बारे में:
: यह राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित एक आदिवासी तीर्थस्थल और स्मारक स्थल है।
: यह राजस्थान और गुजरात की सीमा पर अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थित है।
: यह स्थल पूज्य संत गोविंद गुरु से जुड़ा है, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध भील जनजातियों के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
: गोविंद गुरु ने मानगढ़ विद्रोह का नेतृत्व किया, जो भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है, जहाँ हज़ारों भीलों ने अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
- मानगढ़ विद्रोह 17 नवंबर, 1913 को हुआ था, जब ब्रिटिश सेना ने मानगढ़ पहाड़ी पर भील सभा पर हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप एक दुखद नरसंहार हुआ था।
- इस घटना को अक्सर इसकी क्रूरता और जान गंवाने वालों की संख्या के कारण “आदिवासी जलियाँवाला बाग” के रूप में जाना जाता है।
: विद्रोह की स्मृति में नवंबर में आयोजित होने वाले वार्षिक मेले के दौरान यह स्थल विशेष रूप से भीड़भाड़ वाला होता है।
- भक्तगण प्रार्थना, भजन (भक्ति गीत) और सामूहिक भोज सहित विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।