सन्दर्भ-हाल ही में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रिय विज्ञा दिवस की लांच किया।
इस वर्ष की थीम-“सतत भविष्य के लिए विज्ञानं और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण”
2021 का थीम था–एसटीआई का भविष्य:शिक्षा,कौशल और कार्य पर प्रभाव।
थीम का उद्देश्य-इसका उद्देश्य विज्ञानं से सम्बंधित मुद्दों और विषयों की सार्वजानिक सराहना को बढ़ावा देना।
प्रमुख तथ्य-:केंद्रीय मंत्री कहा कि आने वाले दिनों में एक राष्ट्रीय विज्ञानं सम्मलेन की योजना बनाई जा रही है।
:सम्मलेन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी शामिल किया जाएगा ताकि देश के सामने आने वाली समस्यायों तथा इसके प्रभावी निस्तारण पर विचार विमर्श किया जा सके।
राष्ट्रीय विज्ञानं दिवस-:यह दिवस सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी वी रमन) द्वारा 1928 में रमन प्रभाव की खोज के लिए हर साल 28 फ़रवरी को मनाया जाता है।
:इस महत्वपूर्ण खोज के लिए 1930 में सी वी रमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
:रमन प्रभाव प्रकाश की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन है जो प्रकाश की किरणों के अणुओं द्वारा विक्षेपित होने कारण होता है,रमन प्रभाव रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का आधार निर्मित करता है।
:पहली बार इस दिवस को 28 फ़रवरी 1987 को मनाया गया था।
:इसका आयोजन विज्ञानं और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की राष्ट्रीय विज्ञानं और प्रौद्योगिकी संचार परिषद्(NCSTC) द्वारा किया जाता है।
क्यों मनाया जाता है- :राष्ट्रीय विज्ञानं दिवस का कारण है समाज में विज्ञानं से होने वाले लाभों के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही बच्चों,युवाओं और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ाना।
कैसे मनाया जाता है-इस दिवस के उपलक्ष्य में सभी विज्ञानं संस्थानों,विज्ञानं अकादमियों,स्कूलों और कॉलेजों तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से सम्बंधित कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
प्रमुख कार्यक्रम है-निबंध,वैज्ञानिकों के भाषण,लेखन कला,विज्ञानं प्रश्नोत्तरी,विज्ञानं प्रदर्शनी,संगोष्ठी तथा सेमिनार।
इसके लिए
:इस दिवस के अवसर पर विज्ञानं के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और अन्य पुरस्कार भी दिए जाते है तथा विज्ञानं की लोकप्रियता को बढ़ने के लिए विशेष पुरस्कार भी दिए जाते है।