सन्दर्भ:
: हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने स्वदेश निर्मित पहले डाइविंग सपोर्ट वेसल निस्तार (Nistar) मंगलवार को विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना को सौंपा।
डाइविंग सपोर्ट वेसल निस्तार के बारें में:
: इसे भारतीय नौवहन के अनुसार डिज़ाइन और निर्मित किया गया है।
: यह युद्धपोत अत्यधिक विशिष्ट है और गहरे समुद्र में गोताखोरी तथा बचाव अभियान चला सकता है।
: ज्ञात हो कि यह क्षमता दुनियाभर की कुछेक नौसेनाओं के पास है।
: जहाज का नाम निस्तार संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है मुक्ति, बचाव या मोक्ष।
: यह 118 मीटर लंबे और लगभग 10,000 टन भार वाला युद्धपोत है।
: इस जहाज में अत्याधुनिक गोताखोरी उपकरण लगे हैं और यह 300 मीटर की गहराई तक गहरे समुद्र में गोताखोरी करने में सक्षम है।
: जहाज में 75 मीटर की गहराई तक गोताखोरी करने के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी है।
: यह जहाज 1000 मीटर की गहराई तक गोताखोर निगरानी और बचाव कार्यों को अंजाम देने हेतु दूर से संचालित वाहनों के संयोजन से सुसज्जित है।
: यह जहाज गहरे जलमग्न बचाव पोत (DSRV) हेतु ‘मदर शिप’ के रूप में भी काम करेगा, ताकि पानी के नीचे किसी पनडुब्बी में आपात स्थिति में कर्मचारियों को बचाया और निकाला जा सके।
: लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ निस्तार की सुपुर्दगी की गई है।