Mon. Dec 23rd, 2024
शेयर करें

चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के लिए “आधिकारिक” चीनी नाम

सन्दर्भ-चीन ने इसके तहत 15 स्थानों के लिए मानकीकृत नामों का उपयोग किया गया है,साथ ही उनके उचित निर्देशांक और मानचित्र भी निर्धारित किए गए है।
प्रमुख तथ्य-:अरुणाचल को चीन के मानचित्रों में जांगनान या दक्षिण तिब्बत के रूप में दर्शाया गया है।
:इस नवीनतम सूची को एक नए सीमा सुरक्षा से पूर्व ही जारी किया गया है।
:यह कानून 1 जनवरी 2022 से लागू होगी।
:इसका जवाब में भारत ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
:भारत-चीन सीमा विवाद में 3488 किलोमीटर लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शामिल है।
सीमाओं को तीन क्षेत्र में बांटा गया है-
पूर्वी क्षेत्र-इस क्षेत्र में मैकमोहन रेखा को लेकर विवाद है।
मध्य क्षेत्र-एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहाँ भारत और चीन ने सामान्य तौर पर सहमत क्षेत्रों के मानचित्रों का आदान-प्रदान किया है।
पश्चिम क्षेत्र-यह 1860 के दशक में अंग्रेजों द्वारा प्रस्तावित जॉनसन रेखा से जुड़ा है। इसके अंतर्गत अक्साई चीन को तत्कालीन जम्मू और कश्मीर रियासत का भाग माना गया था,जबकि चीन जॉनसन रेखा को स्वीकार नहीं करता है।


शेयर करें

By gkvidya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *