सन्दर्भ:
: डाक विभाग ने DHRUVA (डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस) के लिए नीति रूपरेखा जारी की।
DHRUVA के बारें में:
: यह भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके राष्ट्रीय डिजिटल एड्रेसिंग सार्वजनिक अवसंरचना विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
: DHRUVA एक मानकीकृत, जियो-कोडेड और डिजिटल एड्रेस अवसंरचना बनाने के लिए एक राष्ट्रीय नीति ढांचा है, जो सुरक्षित, कुशल डेटा साझाकरण के लिए एड्रेस-एज-ए-सर्विस (AaaS) के रूप में कार्य करता है।
: मई 2025 में, संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग द्वारा लॉन्च किया गया।
: इसका उद्देश्य:-
- पता सूचना प्रबंधन को डिजिटल सार्वजनिक वस्तु में बदलना।
- पता डेटा तक अंतर-संचालनीय, सुरक्षित और उपयोगकर्ता-सहमति-आधारित पहुँच को सक्षम करना।
- ई-गवर्नेंस, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और आपातकालीन प्रतिक्रिया जैसे क्षेत्रों में सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देना।
: इसकी मुख्य विशेषताएँ:-
- DIGIPIN एकीकरण: राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता के लिए जियो-टैग्ड डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (DIGIPIN) प्रणाली पर आधारित है।
- एड्रेस-एज़-ए-सर्विस (AaaS): एड्रेस डेटा को सुरक्षित रूप से प्रबंधित, साझा और प्लेटफ़ॉर्म पर मान्य करने की अनुमति देता है।
- उपयोगकर्ता स्वायत्तता: नागरिकों के पास अपने डिजिटल एड्रेस डेटा पर नियंत्रण होता है, जिससे गोपनीयता और उपयोगकर्ता अनुभव में वृद्धि होती है।
- खुला और सुलभ: सार्वजनिक और निजी हितधारकों के लिए स्वतंत्र रूप से सुलभ बुनियादी ढांचे के रूप में डिज़ाइन किया गया।
- सहमति-संचालित ढांचा: एड्रेस डेटा को केवल उपयोगकर्ता की स्वीकृति के साथ सुरक्षित रूप से साझा करने में सक्षम बनाता है।
: इसका महत्व:-
- भू-स्थानिक शासन: बेहतर नियोजन, आपदा प्रतिक्रिया और लक्षित सार्वजनिक वितरण का समर्थन करता है।
- समावेशी पहुँच: केवाईसी, बैंकिंग, सब्सिडी वितरण और ग्रामीण सेवा पहुँच को सुव्यवस्थित करता है।
- लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स को बढ़ावा: अंतिम-मील वितरण दक्षता और पारदर्शिता में सुधार करता है।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: स्मार्ट, स्थान-आधारित सेवाओं के माध्यम से डिजिटल इंडिया और जीवन को आसान बनाने के लक्ष्यों के साथ संरेखित करता है।
- सार्वजनिक-निजी तालमेल: पते से जुड़े समाधानों में सहयोगी नवाचार को प्रोत्साहित करता है।