
सन्दर्भ- हाल ही में केंद्र सरकार ने उपभोक्ता अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 से जुड़े कुछ नए नियम जारी किए हैं।
प्रमुख तथ्य- :नए नियम उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण के संबंध में जिला आयोग,राज्य आयोग और केंद्रीय आयोग के क्षेत्राधिकार को परिभाषित करते हैं।
:2019 का यह अधिनियम,उपभोक्ता विवादों के निवारण के लिए एक त्रिस्तरीय अर्ध न्यायिक तंत्र का प्रावधान करता है।
क्या है नए नियम-
:अब जिला आयोग के पास उन शिकायतों पर विचार करने का अधिकार होगा जहां भुगतान की गई वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य ₹50 लाख से अधिक नही हो।
:राज्य आयोग केवल उन्हीं मामलों में सुनवाई कर सकता है जहां भुगतान की गई वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य ₹50 लाख से अधिक और ₹2 करोड़ से कम है।
:राष्ट्रीय आयोग के पास उन शिकायतों पर विचार करने का अधिकार होगा जहां भुगतान की गई वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य ₹2 करोड़ से अधिक है।
:इससे पहले जिला आयोग 1करोड़ रुपए मूल्य तक के और राज्य आयोग एक करोड़ से 10 करोड़ मूल्य तक के मामलों की सुनवाई कर सकता था।
:जबकि राष्ट्रीय आयोग को केवल ₹10 करोड़ से अधिक मूल्य के मामलों की सुनवाई करने का अधिकार था।
:इन नए नियमों से जिला अदालतों पर पड़ने वाले कार्य भार को कम करने और लंबित मामलों को निपटाने में आसानी होगी।
:उपभोक्ता अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 को 20 जुलाई 2020 को लागू किया गया था जो उपभोक्ताओं को सशक्त करने के साथ उन्हें इसके विभिन्न अधिसूचित नियमों और प्रावधानों के माध्यम से उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा।