सन्दर्भ:
: ओडिशा के मुख्यमंत्री ने आधिकारिक तौर पर मयूरभंज जिले में स्थित सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (STR) को राष्ट्रीय उद्यान (NP) घोषित किया।
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के बारें में:
: अब, सिमिलिपाल भारत का 107वाँ राष्ट्रीय उद्यान (NP) बन गया है और भितरकनिका (जिसे 1998 में NP घोषित किया गया था) के बाद राष्ट्रिय पार्क घोषित होने वाला ओडिशा का दूसरा संरक्षित क्षेत्र बन गया है।
: सिमिलिपाल शब्द का नाम ‘सिमुल’ (रेशमी कपास) वृक्ष से लिया गया है।
: यह नव घोषित राष्ट्रीय उद्यान अब ओडिशा का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है, जो 845.70 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
: ओडिशा के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन (FE&CC) विभाग ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 35 (4) के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक अधिसूचना जारी की।
: इसे दो प्रभागों में विभाजित किया गया है- सिमिलिपाल दक्षिण वन्यजीव प्रभाग में 7 रेंज शामिल हैं जिनमें पिथाबटा उत्तर, नवाना दक्षिण, जेनाबिल आदि शामिल हैं।
: सिमिलिपाल उत्तर वन्यजीव प्रभाग में बर्रेहिपानी, चहाला, नवां उत्तर और तालाबांध वन्यजीव रेंज सहित 4 रेंज शामिल हैं।
: सिमिलिपाल में पक्षियों की 360 से अधिक प्रजातियां, तेंदुए, सांभर सहित स्तनधारियों की 55 प्रजातियां, सरीसृपों की 62 प्रजातियां और उभयचरों की 21 प्रजातियां पाई जाती हैं।
: यह 40 जंगली बाघों का भी घर है, जिनमें जंगली मेलेनिस्टिक बाघों का विश्व का एकमात्र घर भी शामिल है तथा यह ओडिशा की 25% हाथी आबादी का प्राकृतिक आवास है।
: यह 2,750 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जिसमें लगभग 2,306 वर्ग किमी सिमिलिपाल वन्यजीव अभयारण्य (डब्ल्यूएलएस) बनाता है।
: 2007 में, ओडिशा सरकार ने सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (STR) के 1,194.75 वर्ग किमी क्षेत्र को मुख्य महत्वपूर्ण बाघ आवास के रूप में अधिसूचित किया था।
: यह 2009 से संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के विश्व बायोस्फीयर रिजर्व नेटवर्क (WNBR) का हिस्सा रहा है।