सन्दर्भ:
: इसरो एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर टार्डिग्रेड्स (जल भालू/वाटर बियर) भेजने के लिए तैयार है, जो इन लचीले सूक्ष्म जीवों का उपयोग करके सूक्ष्मगुरुत्व में भारत का पहला मानव प्रयोग होगा।
वाटर बियर के बारे में:
: सूक्ष्म जीव जिन्हें “वॉटर बियर” या “मॉस पिगलेट” के नाम से भी जाना जाता है।
: आकार: 0.3 से 0.5 मिमी के बीच, केवल माइक्रोस्कोप के नीचे दिखाई देता है।
: जर्मन प्राणी विज्ञानी जोहान गोएज़ द्वारा 1773 में खोजा गया।
: मुख्य विशेषताएँ:-
- ध्रुवीय बर्फ की टोपियों से लेकर गहरे महासागरों तक के चरम आवासों में पाया जाता है।
- पंजों के साथ आठ पैर, खंडित शरीर और कठोर बाहरी त्वचा होती है।
- अत्यंत चरम स्थितियों में जीवित रहना: अंतरिक्ष का निर्वात, विकिरण, निर्जलीकरण और उच्च/निम्न तापमान।
- कठोर वातावरण में जीवित रहने के लिए क्रिप्टोबायोसिस अवस्था (निलंबित एनीमेशन) में प्रवेश करें।
: प्रयोग का महत्व- वॉयेजर टार्डिग्रेड्स प्रयोग अध्ययन करेगा:-
- सूक्ष्मगुरुत्व में पुनरुद्धार और प्रजनन।
- अंतरिक्ष-उजागर और पृथ्वी-बद्ध समूहों के बीच जीन अभिव्यक्ति अंतर।
: यह क्यों महत्वपूर्ण है:-
- लचीलेपन के आणविक तंत्र को उजागर करने में मदद करता है।
- बायोटेक नवाचारों और अंतरिक्ष यात्री सुरक्षा रणनीतियों को सूचित कर सकता है।
- लंबी अवधि के मिशनों के लिए जैव-संरक्षण तकनीकों का समर्थन करता है।
एक्सिओम-4 मिशन के बारे में:
: एक्सिओम स्पेस कार्यक्रम के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए 14-दिवसीय चालक दल मिशन, जिसमें माइक्रोग्रैविटी बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और स्थिरता पर शोध शामिल है।
: इसमें शामिल संगठन- ISRO (भारत), NASA (यूएसए) और ESA (यूरोप) की संयुक्त पहल, जिसमें अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
: मिशन के उद्देश्य:-
- जीवन विज्ञान, अंतरिक्ष कृषि और मानव शारीरिक प्रतिक्रियाओं का अन्वेषण करें।
- शून्य गुरुत्वाकर्षण में सूक्ष्मजीवी तन्यकता, मांसपेशियों के उत्थान और खाद्य वृद्धि का आकलन करें।
- भारत के गगनयान मिशन और भविष्य की लंबी अवधि की अंतरिक्ष उड़ान में योगदान दें।