सन्दर्भ:
: हाल ही में, भारतीय नौसेना ने मेघयान-25 (Meghayan-25) नामक अपने मौसम विज्ञान और महासागर विज्ञान संगोष्ठी के तीसरे संस्करण की मेजबानी की।
मेघयान-25 के दौरान प्रमुख प्रक्षेपण:
: MOSDAC-IN वेब सेवाएँ शुरू की गईं, जो नौसेना महासागर विज्ञान और मौसम विज्ञान निदेशालय (DNOM) और SAC-ISRO की संयुक्त पहल है।
: यह नौसेना मौसम विज्ञान कार्यालयों के लिए सुरक्षित, व्यक्तिगत लॉग-इन के साथ अनुकूलित उपग्रह-व्युत्पन्न मौसम उत्पाद प्रदान करता है।
: नौसेना ने अपनी व्यावसायिक पत्रिका “सागरमंथन” को भी पुनः शुरू किया, जिसका 10वां संस्करण एक दशक के लंबे अंतराल के बाद प्रकाशित किया जा रहा है।
: ज्ञात हो कि WMO संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी है, जो मौसम विज्ञान, परिचालन जल विज्ञान, जलवायु और संबंधित विज्ञानों पर केंद्रित है।
: WMO मौसम और जलवायु की निगरानी के लिए वैश्विक प्रयासों का समन्वय करता है, वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है, तथा आंकड़ों और मौसम पूर्वानुमानों के आदान-प्रदान को सक्षम बनाता है।
: WMO का मुख्यालय जिनेवा, स्विटजरलैंड में स्थित है।
: इसके 193 सदस्य देश और क्षेत्र हैं, जो मौसम विज्ञान सहयोग और अनुसंधान में वैश्विक भागीदारी को दर्शाते हैं।
मेघयान-25 थीम और उद्देश्य:
: इस कार्यक्रम में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के गठन की याद में विश्व मौसम विज्ञान दिवस 2025 (हर साल 23 मार्च) मनाया गया।
: मेघयान-25 का आयोजन WMO दिवस 2025 की थीम ‘एक साथ प्रारंभिक चेतावनी अंतर को पाटना‘ के तहत किया गया, जो जलवायु और आपदा तैयारियों के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों में सुधार के महत्व पर प्रकाश डालता है।