सन्दर्भ:
: भारत ने हाल ही में एमके-II(ए) लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (Mk-II(A) लेजर – DEW) का सफल परीक्षण किया है, जो फिक्स्ड-विंग और स्वार्म ड्रोन को निष्क्रिय कर सकता है, और इस प्रकार भारत इस तकनीक को विकसित करने वाले केवल चार देशों में से एक बन गया है।
Mk-II(A) लेजर – DEW के बारें में:
: यह 30 किलोवाट की लेजर आधारित हथियार प्रणाली है जिसे हेलीकॉप्टर, झुंड ड्रोन और रडार को मार गिराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के उच्च ऊर्जा प्रणाली और विज्ञान केंद्र (CHESS), हैदराबाद ने कई शैक्षणिक संस्थानों और भारतीय उद्योगों के साथ मिलकर इस प्रणाली को विकसित किया है।
: यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली काउंटर-ड्रोन प्रणालियों में से एक है क्योंकि यह बिजली की गति से हमला करती है, सटीकता रखती है और कुछ ही सेकंड में घातक कार्रवाई करती है।
: लेजर प्रणाली लंबी दूरी से फिक्स्ड-विंग ड्रोन को पकड़ती है और एक बार में कई ड्रोन हमलों को विफल कर सकती है, निगरानी सेंसर और एंटीना को नष्ट कर सकती है।
: एक बार जब कोई लक्ष्य रडार या उसके इनबिल्ट इलेक्ट्रो ऑप्टिक (EO) सिस्टम द्वारा पहचाना जाता है, तो यह लक्ष्य को काटने के लिए शक्तिशाली प्रकाश (लेजर बीम) की तीव्र किरण का उपयोग करता है, जिससे संरचनात्मक विफलताएं या और भी अधिक घातक क्षति होती है।
: इस लेजर हथियार के विकास से संपार्श्विक क्षति का जोखिम कम हो सकता है और संघर्ष के दौरान महंगे गोला-बारूद पर निर्भरता कम हो सकती है।
: इसके साथ ही भारत ऐसी क्षमताओं वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जैसे अमेरिका, चीन और रूस।