सन्दर्भ:
: विश्व मसाला संगठन (WSO) के अध्यक्ष ने हाल ही में कहा कि वैश्विक मसाला बाजार में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.7% है, जिसका मूल्य 2024 में 14 बिलियन डॉलर रहा, जबकि चीन की हिस्सेदारी 12% और अमेरिका की 11% रहा।
विश्व मसाला संगठन के बारें में:
: यह 2011 में भारत की मसाला राजधानी कोच्चि, केरल में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है।
: यह त्रावणकोर कोचीन साहित्यिक, वैज्ञानिक और धर्मार्थ सोसायटी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत है।
: इसका उद्देश्य- “खाद्य सुरक्षा और स्थिरता” के मुद्दों से निपटने में मसाला उद्योग को सुविधा प्रदान करना।
: WSO अपने सभी हितधारकों – आम जनता, उद्योग, शिक्षाविदों और अंतिम उपयोगकर्ताओं को शामिल करके अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहता है।
: WSO उद्योग के लिए लाभकारी सामाजिक जिम्मेदारी परियोजनाएं चलाता है।
: WSO प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे कि स्पाइसेस बोर्ड इंडिया, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पाइस रिसर्च (IISR), रेनफॉरेस्ट अलायंस, GIZ (जर्मनी) और IDH – द सस्टेनेबल ट्रेड इनिशिएटिव (नीदरलैंड) के साथ मिलकर स्थिरता और जैव विविधता को बढ़ावा देने वाली पहलों में शामिल है।
: WSO मसाला उद्योग के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए अमेरिकी मसाला व्यापार संघ (ASTA), यूरोपीय मसाला संघ (ESA), अंतर्राष्ट्रीय काली मिर्च समुदाय (IPC) आदि जैसे वैश्विक मसाला संघों के साथ भी बातचीत करता है।
: WSO मसालों से संबंधित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानक-निर्धारण प्रक्रियाओं में भाग लेता है, जैसे कि FSSAI, BIS, ISO और कोडेक्स, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मानक निर्धारित करते समय उद्योग के हितों पर विचार किया जाए।
: यह अखिल भारतीय मसाला निर्यातक मंच (AISEF) का तकनीकी भागीदार है।