Sun. Dec 14th, 2025
भारत का राजकीय प्रतीकभारत का राजकीय प्रतीक
शेयर करें

सन्दर्भ:

: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को भारत का राजकीय प्रतीक के अनुचित चित्रण को रोकने का निर्देश दिया है, तथा इसमें देवनागरी लिपि में आदर्श वाक्य “सत्यमेव जयते” को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर बल दिया है।

भारत का राजकीय प्रतीक के बारें में:

: 26 जनवरी, 1950 को अशोक के सारनाथ सिंह स्तंभ से भारत का राजकीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया।
: राजकीय प्रतीक की विशेषताएँ-

  • तीन दृश्यमान शेर: चौथा शेर दृष्टि से छिपा हुआ है।
  • धर्म चक्र: अबेकस के केंद्र में स्थित है।
  • पशु चित्रण:

1- बैल (दाएं): राशि चक्र चिन्ह वृषभ का प्रतिनिधित्व करता है, जो बुद्ध के जन्म का प्रतीक है।
2-घोड़ा (बाएं): कंथक का प्रतीक है, वह घोड़ा जिस पर बुद्ध राजसी जीवन त्यागते समय सवार हुए थे।
3- हाथी (पूर्व): रानी माया के सपने को दर्शाता है जिसमें उसने देखा था कि एक सफेद हाथी उसके गर्भ में प्रवेश कर रहा है।
4- सिंह (उत्तर): बुद्ध के ज्ञानोदय और धर्म प्रचार का प्रतीक है।

  • घंटी के आकार का कमल नहीं: आधिकारिक राज्य प्रतीक में इसे शामिल नहीं किया गया है।
  • आदर्श वाक्य ‘सत्यमेव जयते’: मुंडका उपनिषद से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘सत्य की ही विजय होती है’, जो प्रतीक के नीचे देवनागरी लिपि में अंकित है।
  • धर्म चक्र से सुसज्जित: बुद्ध के प्रथम उपदेश (धर्मचक्र प्रवर्तन) को दर्शाता है।

: कानूनी प्रावधान-

  • भारत का राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम, 2005: प्रतीक के अधिकृत उपयोग को विनियमित करता है।
  • भारत का राज्य प्रतीक (उपयोग का विनियमन) नियम, 2007: अनुमत प्राधिकारियों और उपयोग नियमों को निर्दिष्ट करता है।

: उल्लंघन के लिए दंड-

  • 2 वर्ष तक का कारावास या
  • अनधिकृत उपयोग के लिए ₹5,000 तक का जुर्माना।

शेयर करें

By gkvidya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *