सन्दर्भ:
: केंद्रीय बजट 2025-26 में छात्रों को डिजिटल रूप में भारतीय भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना (Bharatiya Bhasha Pustak Scheme) की घोषणा की गई है।
भारतीय भाषा पुस्तक योजना के बारें में:
: यह एक नई पहल है जिसका उद्देश्य विभिन्न भारतीय भाषाओं में डिजिटल पाठ्यपुस्तकें और अध्ययन सामग्री प्रदान करके सीखने को और अधिक सुलभ बनाना है।
: इस योजना के तहत, स्कूलों और विश्वविद्यालयों के छात्र डिजिटल प्रारूप में पाठ्यपुस्तकों और सीखने के संसाधनों तक पहुँच सकेंगे।
: यह योजना क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री प्रदान करके विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के छात्रों को लाभान्वित करने के लिए बनाई गई है।
: यह पहल शैक्षिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए सरकार के पिछले कदमों का भी पूरक है, जैसे कि ASMITA (अनुवाद और अकादमिक लेखन के माध्यम से भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री बढ़ाना) पहल।
अस्मिता (ASMITA) पहल के बारे में:
: यह अगले पाँच वर्षों में भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें विकसित करने की पहल है।
: यह UGC और शिक्षा मंत्रालय के तहत एक उच्चस्तरीय समिति भारतीय भाषा समिति का संयुक्त प्रयास है।
: इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय भाषाओं को शिक्षा प्रणाली में और अधिक गहराई से बढ़ावा देना और एकीकृत करना है, जिससे सीखने का अनुभव समृद्ध हो और इसे और अधिक समावेशी बनाया जा सके।
: इस परियोजना को विभिन्न भारतीय भाषाओं में शैक्षिक सामग्री की पहुँच और गुणवत्ता बढ़ाने की व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जाता है।
: इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के सदस्य विश्वविद्यालयों के साथ तेरह नोडल विश्वविद्यालयों की पहचान की गई है।
: UGC ने प्रत्येक निर्दिष्ट भाषा में पुस्तक-लेखन प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी बनाई है।
: SOP में नोडल अधिकारियों, लेखकों की पहचान, शीर्षक, विषय और कार्यक्रम का आवंटन, लेखन और संपादन, पांडुलिपि जमा करना, समीक्षा और साहित्यिक चोरी की जाँच, अंतिम रूप देना, डिज़ाइन करना, प्रूफ़रीडिंग और ई-प्रकाशन शामिल हैं।