सन्दर्भ:
: केंद्र ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार 2025 (Padma Awards 2025) की घोषणा की, जिसमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री सहित 139 लोगों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाएंगे।
पद्म पुरस्कार 2025 के बारें में:
: ये पुरस्कार विभिन्न विषयों में दिए जाते हैं, जैसे कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि।
: ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किये जाते हैं, जो आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के आसपास होता है।
: पूर्व पुरुष हॉकी कप्तान पी. आर. श्रीजेश को पद्म भूषण के लिए चुना गया, जबकि हाल ही में सेवानिवृत्त हुए क्रिकेट स्टार रविचंद्रन अश्विन पद्म श्री विजेताओं में शामिल थे।
: जबकि चार एथलीट और एक पैरा-एथलेटिक्स कोच को प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कारों के लिए जारी की गई 139 की सूची में शामिल किया गया।
: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर, जिन्होंने 2017 में ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच के बीच असहमतिपूर्ण राय दी थी, को देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
: गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी, पश्चिम बंगाल की ढाक वादक, जिन्होंने पुरुष प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षित किया और भारत की पहली महिला कठपुतली वादक, जो 96 वर्ष की हैं, वे विविध क्षेत्रों की 30 गुमनाम नायिकाओं में शामिल हैं, जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
: गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लीबिया लोबो सरदेसाई ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए 1955 में एक जंगली इलाके में एक भूमिगत रेडियो स्टेशन – ‘वोज दा लिबरडाबे (स्वतंत्रता की आवाज)’ की सह-स्थापना की थी।
: इस साल तमिलनाडु से 13 और पुडुचेरी से एक व्यक्ति को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
: पद्म भूषण के लिए तीन लोगों का नाम चुना गया है – अभिनेता अजित कुमार, कला श्रेणी में, अभिनेता और नर्तक शोभना चंद्रकुमार और उद्योगपति नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी।
: पद्म श्री 89 वर्षीय मृदंगम कलाकार गुरुवायुर दोराई, हटसन एग्रो प्रोडक्ट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरजी चंद्रमोगन, जो अरुण आइसक्रीम के पीछे दूरदर्शी थे. को पद्म श्री दिया गया।
: साथ ही मूर्तिकार राधाकृष्णन देवसेनापति, जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची भगवान नटराज की मूर्ति बनाई थी, जिसे पिछले साल जी20 सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया था, और सीनी विश्वनाथन, विद्वान हैं जिन्होंने कवि सुब्रमण्यम भारती की रचनाओं को 16 खंडों में संकलित किया है, तमिल दैनिक दिनामलार के लक्ष्मीपति रामसुब्बायर, पुरीसाई दुरईसामी कन्नप्पा थंबीरन परम्पराई थेरुकुथु मंद्रम के. दामोदरन, जिन्हें शेफ दामू के नाम से जाना जाता है, और एम.डी. श्रीनिवास, मयलापुर स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के अध्यक्ष को पद्श्री से सम्मानित किया गया है।
: सार्वजनिक मामलों की श्रेणी में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने गए मंदा कृष्ण मदीगा ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण के वर्गीकरण के लिए जन आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसमें मदीगा समुदाय और उसकी उप-जातियों के लिए अनुसूचित जाति श्रेणी में अधिक अवसर की मांग की गई थी।
: पद्म विभूषण-
- दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी
- लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम
- शारदा सिन्हा (मरणोपरांत)
- ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत)
- कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया
- एमटी वासुदेवन नायर (मरणोपरांत)
- न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर
: पद्म भूषण-
- अनंत नाग
- पंकज पटेल
- ए सूर्य प्रकाश
- जतिन गोस्वामी
- कैलाश नाथ दीक्षित
- जोस चाको पेरियाप्पुरम
- बिबेक देबरॉय (मरणोपरांत)
- मनोहर जोशी (मरणोपरांत)
- नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी
- नंदमुरी बालकृष्ण
- पीआर श्रीजेश
- पंकज उधास (मरणोपरांत)
- रामबहादुर राय
- साध्वी ऋतंभरा
- एस अजित कुमार
- शेखर कपूर
- शोभना चंद्रकुमार
- सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत)
- विनोद धाम
: पद्मश्री- अद्वैत चरण गडनायक, अच्युत रामचन्द्र पालव, अजय वी भट्ट, अनिल कुमार बोरो, अरिजीत सिंह, अरुंधति भट्टाचार्य, अरुणोदय साहा, अरविंद शर्मा, अशोक कुमार महापात्रा, अशोक लक्ष्मण सराफ, आशुतोष शर्मा, अश्विनी भिड़े देशपांडे, बैजनाथ महाराज, बैरी गॉडफ्रे जॉन, बेगम बटूल, भरत गुप्त, भेरू सिंह चौहान, भीम सिंह भावेश, भीमावा डोड्डाबलप्पा शिइलेक्यथारा, बुधेंद्र कुमार जैन, सी एस वैद्यनाथन, चैतराम देवचंद पवार, चंद्रकांत शेठ (मरणोपरांत), चंद्रकांत सोमपुरा, चेतन ई चिटनिस, डेविड आर सिमलीह, दुर्गा चरण रणबीर, फारूक अहमद मीर, गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, गीता उपाध्याय, गोकुल चंद्र दास, गुरुवयूर दोराई, हरचंदन सिंह भट्टी, हरिमन शर्मा, हरजिंदर सिंह श्रीनगर वाले, हरविंदर सिंह, हसन रघु, हेमंत कुमार, हृदय नारायण दीक्षित, ह्यूग और कोलीन गैंटज़र (मरणोपरांत), इनिवलप्पिल मणि विजयन, जगदीश जोशीला, जसपिंदर नरूला, जोनास मसेटी, जोयनाचरण बाथरी, जुमदे योमगम गामलिन, के. दामोदरन, के एल कृष्णा, के ओमानकुट्टी अम्मा, किशोर कुणाल (मरणोपरांत), एल हैंगथिंग, लक्ष्मीपति रामसुब्बैयर, ललित कुमार मंगोत्रा, लामा लोबजंग (मरणोपरांत), लीबिया लोबो सरदेसाई, एम डी श्रीनिवास, मदुगुला नागफनी सरमा, महाबीर नायक, ममता शंकर, मंदा कृष्णा मडिगा, मारुति भुजंगराव चितमपल्ली, मिरियाला अप्पाराव (मरणोपरांत), नागेंद्र नाथ रॉय, नारायण (भुलई) भाई) (मरणोपरांत), नरेन गुरुंग, नीरजा भाटला, निर्मला देवी, नितिन नोहरिया, ओंकार सिंह पाहवा, पी दत्चानमूर्ति, पंडी राम मंडावी, परमार लवजीभाई नागजीभाई, पवन गोयनका, प्रशांत प्रकाश, प्रतिभा सत्पथी, पुरीसाई कन्नप्पा संबंदन, आर अश्विन, आर जी चंद्रमोगन, राधा बहिन भट्ट, राधाकृष्णन देवसेनापति, रामदरश मिश्रा, रणेंद्र भानु मजूमदार, रतन कुमार परिमू, रेबा कांता महंत, रेंथली लालरावना, रिकी ज्ञान केज, सज्जन भजंका, सैली होल्कर, संत राम देसवाल, सत्यपाल सिंह, सीनी विश्वनाथन, सेथुरमन पंचनाथन, शेखा शेखा अली अल-जबर अल-सबा, शीन काफ़ निज़ाम (शिव किशन बिस्सा), श्याम बिहारी अग्रवाल, सोनिया नित्यानंद, स्टीफ़न नैप, सुभाष खेतुलाल शर्मा, सुरेश हरिलाल सोनी, सुरिंदर कुमार वासल, स्वामी प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज), सैयद ऐनू हसन, तेजेंद्र नारायण मजूमदार, थियाम सूर्यमुखी देवी, तुषार दुर्गेशभाई शुक्ला, वदिराज राघवेंद्राचार्य पंचमुखी, वासुदेव कामथ, वेलु अस्सान, वेंकप्पा अम्बाजी सुगतेकर, विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी महाराज, विजयलक्ष्मी देशमाने, विलास डांगरे, विनायक लोहानी।