सन्दर्भ:
: नैनोपोर तकनीक (Nanopore Technology) बीमारियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में मानवता के नवीनतम हथियार का प्रतिनिधित्व करती है।
नैनोपोर तकनीक के बारें में:
: नैनोपोर तकनीक का तात्पर्य एक पतली झिल्ली संरचना में एम्बेडेड नैनो-स्केल छिद्रों से है, जो नैनोपोर से छोटे आवेशित जैविक अणुओं के छिद्र से गुजरने पर संभावित परिवर्तन का पता लगाते हैं।
: इसमें एकल-अणु अमीनो एसिड, DNA, RNA आदि को समझने और उनका विश्लेषण करने की क्षमता है।
: यह नैनोपोर से अणुओं के गुजरने पर विद्युत चालकता में परिवर्तन का पता लगाकर DNA और RNA को अनुक्रमित करने की एक अत्याधुनिक विधि है।
: अन्य अनुक्रमण तकनीकों के विपरीत, नैनोपोर-आधारित अनुक्रमण सस्ता है, उपयोग में बहुत आसान है, इसके लिए बहुत अधिक कम्प्यूटेशनल और लैब इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होती है, और परीक्षण नमूने में केवल थोड़ी मात्रा में डीएनए की आवश्यकता होती है।
: यह एकमात्र अनुक्रमण तकनीक है जो पॉकेट से लेकर जनसंख्या पैमाने तक पूरी तरह से स्केलेबल प्रारूपों में वास्तविक समय का विश्लेषण प्रदान करती है, जो मूल DNA या RNA का विश्लेषण कर सकती है और छोटी से लेकर अल्ट्रा-लंबी रीड लंबाई प्राप्त करने के लिए किसी भी लंबाई के टुकड़े को अनुक्रमित कर सकती है।
: यह विशिष्ट जीन/क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके लक्षित अनुक्रमण भी कर सकती है।