सन्दर्भ:
: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने हाल ही में श्रीशैलम मंदिर (Srisailam Temple) में एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिसमें मंदिर के घंटामंडपम में कई तांबे की प्लेटें और अन्य प्राचीन शिलालेख मिले हैं।
श्रीशैलम मंदिर के बारें में:
: यह आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित है।
: श्रीशैलम मंदिर, या श्री भ्रमरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है, यहाँ मल्लिकार्जुन स्वामी के रूप में पूजा की जाती है।
: यह नल्लामाला पहाड़ियों के जंगलों से घिरा हुआ है, जहाँ से कृष्णा नदी का प्राचीन जल दिखाई देता है।
: हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह मंदिर भारत भर में फैले भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
: मंदिर में देवी शक्ति की पूजा ब्रह्मरम्भा के रूप में की जाती है और उनके लिए एक मंदिर भी है।
: द्रविड़ शैली में निर्मित यह प्राचीन मंदिर, ऊँची मीनारों और विशाल प्रांगणों के साथ विजयनगर वास्तुकला के बेहतरीन नमूनों में से एक है।
: हालाँकि मंदिर की सटीक उत्पत्ति उपलब्ध नहीं है, लेकिन दूसरी शताब्दी ईस्वी के सातवाहनों ने इसका उल्लेख किया है।
: काकतीय और विजयनगर के राजाओं ने यहाँ कई दान किए हैं।
: इस मंदिर की अनूठी विशेषता एक परिसर में ज्योतिर्लिंगम और महाशक्ति (भ्रमरम्बिका के रूप में) का संयोजन है, जो बहुत दुर्लभ है और अपनी तरह का एकमात्र है।
: कहा जाता है कि महान धार्मिक नेता आदि शंकर ने इस मंदिर का दौरा किया था और यहाँ अपनी अमर शिवानंद लाहिड़ी की रचना की थी।
