सन्दर्भ:
: भारत का लक्ष्य 2-3 वर्षों के भीतर क्वांटम संचार के लिए एक क्वांटम सैटेलाइट (Quantum Satellite) प्रक्षेपित करना है।
क्वांटम सैटेलाइट के बारें में:
: क्वांटम सैटेलाइट एक संचार सैटेलाइट है जो अपने सिग्नल को सुरक्षित करने के लिए क्वांटम भौतिकी का उपयोग करता है।
: इसका उद्देश्य:
- सिग्नल सुरक्षा को बढ़ाना: क्वांटम कंप्यूटिंग से होने वाले खतरों से सुरक्षा करना।
- क्वांटम कुंजी वितरण (QKD) को सुविधाजनक बनाना: QKD के माध्यम से अटूट एन्क्रिप्शन सक्षम करना।
क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम कुंजी वितरण (QKD):
: क्वांटम क्रिप्टोग्राफी- संदेशों को सुरक्षित करने के लिए क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों का उपयोग करता है।
: क्वांटम कुंजी वितरण (QKD)-
: इसके कार्य– एन्क्रिप्शन कुंजियों को सुरक्षित रूप से साझा करें ताकि किसी भी प्रकार की गुप्त सूचना का पता लगाया जा सके, तथा यदि कोई समझौता हो तो ट्रांसमिशन को रोका जा सके।
: क्रियाविधि-
- क्वांटम मापन: किसी फोटॉन को मापने से उसकी स्थिति बदल जाती है, जिससे किसी भी तरह की गुप्त सूचना का पता चल जाता है।
- क्वांटम जटिलता: उलझे हुए फोटॉन एक दूसरे में होने वाले परिवर्तनों को तुरंत दर्शाते हैं, जिससे सुरक्षित कुंजी वितरण सुनिश्चित होता है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM):
: उद्देश्य- NQM विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक कार्यक्रम है जिसे उन्नत संचार और संवेदन प्रणालियों के विकास में क्वांटम भौतिकी के उपयोग में तेजी लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
: बजट और अवधि- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2023 में इसे मंजूरी दी, जिसका बजट ₹6,000 करोड़ है, जिसे 2023 से 2031 तक लागू किया जाना है।
: माइसियस- दुनिया का पहला क्वांटम संचार उपग्रह 2016 में चीन द्वारा लॉन्च किया गया था।
- कार्य: उलझे हुए फोटॉनों के जोड़े के स्रोत के रूप में कार्य करता है, जिनके गुण दूरी की परवाह किए बिना आपस में जुड़े रहते हैं।
- महत्व: यह उलझाव क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के सबसे सुरक्षित रूपों का आधार बनता है।