सन्दर्भ:
: हाल ही में आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण की कमी का उपयोग करके शहरी अवसंरचना विकास निधि (UIDF) की स्थापना की है।
शहरी अवसंरचना विकास निधि के बारे में:
: इसकी स्थापना प्राथमिकता क्षेत्र ऋण की कमी के उपयोग के माध्यम से की गई थी।
: इसका उपयोग सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा टियर-2 और टियर-3 शहरों में शहरी अवसंरचना बनाने के लिए किया जाएगा।
: इसका उद्देश्य सार्वजनिक/राज्य एजेंसियों, नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से कार्यान्वित शहरी अवसंरचना विकास कार्यों के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरक बनाना है, ताकि सीवरेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल आपूर्ति और स्वच्छता, नालियों/तूफान जल नालियों के निर्माण और सुधार आदि जैसी बुनियादी सेवाएँ प्रदान करने के लिए वित्तपोषण का एक स्थिर और अनुमानित स्रोत प्रदान किया जा सके।
: इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाता है।
: इस निधि के लिए प्रारंभिक कोष ₹10,000 करोड़ है।
: इसे ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) की तर्ज पर स्थापित किया गया है।
: राज्यों को UIDF का उपयोग करते समय उचित उपयोगकर्ता शुल्क अपनाने के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदानों के साथ-साथ मौजूदा योजनाओं से संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
: इसमें वर्तमान में 459 टियर-2 शहर और 580 टियर-3 शहर शामिल हैं।
UIDF ऋण:
: UIDF ऋण पर ब्याज दर बैंक दर माइनस 1.5 प्रतिशत रखी गई है।
: ऋण (मूलधन) ड्रॉ की तारीख से सात वर्षों के भीतर पांच बराबर वार्षिक किस्तों में चुकाया जाएगा, जिसमें दो साल की स्थगन अवधि भी शामिल है।
: ब्याज तिमाही आधार पर देय होगा।