सन्दर्भ:
: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने राष्ट्रीय भू-विरासत स्थल घोषित वर्कला चट्टान (Varkala Cliff) की बिगड़ती स्थिति पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और अन्य से जवाब मांगा है।
वर्कला चट्टान के बारे में:
: यह केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के तटीय शहर वर्कला में स्थित एक सुंदर प्राकृतिक संरचना है।
: उत्तरी और दक्षिणी दोनों चट्टानों सहित यह चट्टान कुल 3 किमी की दूरी तय करती है, जो मिओ-प्लियोसीन युग की तलछटी चट्टान संरचना को उजागर करती है।
: वर्कला भारत के पश्चिमी तट पर एकमात्र स्थान है जहाँ मिओ-प्लियोसीन युग (13 लाख से 2.5 करोड़ साल पहले) में तलछट उजागर हुई थी।
: चट्टान के तल पर स्थित पापनासम बीच अपने प्राकृतिक झरनों के लिए पूजनीय है और माना जाता है कि इसमें चिकित्सीय गुण हैं।
: यह तटीय समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण जलभृत और प्राकृतिक जल संचयन प्रणाली है, इसके सूक्ष्म आवास में अद्वितीय जैव विविधता है, और स्थानीय मछली पकड़ने वाले समुदायों के लिए आवश्यक पानी के नीचे की चट्टानों का समर्थन करता है।
: यह देश का 27वाँ राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक है और अंगदीपुरम लेटराइट के बाद राज्य का दूसरा है।
: ज्ञात हो कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जिसकी स्थापना 1851 में मुख्य रूप से रेलवे के लिए कोयला भंडार खोजने के लिए की गई थी।
: पिछले कुछ वर्षों में, यह देश के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक भू-विज्ञान संबंधी जानकारी के भंडार के रूप में विकसित हुआ है।
: इसका मुख्यालय कोलकत्ता में है साथ ही 6 क्षेत्रीय कार्यालय भी है।
: यह खान मंत्रालय से संबद्ध।