सन्दर्भ:
: अष्टमुडी झील (Ashtamudi Lake) में हाल ही में हुई मछलियों की मौत की घटना ने एक बार फिर सीवेज संदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण, अतिक्रमण और अनियंत्रित खरपतवार वृद्धि जैसे जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले मुद्दों को सामने ला दिया है, जो महत्वपूर्ण झील पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं।
अष्टमुडी झील के बारे में:
: यह केरल के कोल्लम जिले में स्थित एक रामसर आर्द्रभूमि है।
: अष्टमुडी शब्द का मलयालम में अर्थ है आठ लटें, जिसे झील की हथेली के आकार की स्थलाकृति और कई शाखाओं से समझाया जा सकता है।
: इसकी आठ ‘भुजाओं’ या चैनलों के कारण ही इस झील का नाम अष्टमुडी पड़ा है।
: यह केरल की दूसरी सबसे बड़ी झील है, जो नींदकारा मुहाने से होकर समुद्र में मिलती है।
: अष्टमुडी झील के लिए पानी का मुख्य स्रोत कल्लदा नदी है।
: अष्टमुडी झील का ऐतिहासिक महत्व 14वीं शताब्दी से है, जब झील के आसपास का क्षेत्र प्राचीन शहर क्विलोन को बाकी दुनिया से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण बंदरगाह था।
: मोरक्को के खोजकर्ता इब्न बतूता के ऐतिहासिक अभिलेखों में प्राचीन काल में प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में से एक के रूप में अष्टमुडी झील के किनारे स्थित क्विलोन शहर पर प्रकाश डाला गया है।
: इस क्षेत्र में दलदली मैंग्रोव की विभिन्न प्रजातियां पाई गईं, जिनमें साइज़ीगियम ट्रावनकोरिकम और कैलामस रोटांग नामक दो लुप्तप्राय प्रजातियां भी शामिल हैं।
