सन्दर्भ:
: प्रधानमंत्री ने जॉर्जटाउन, गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन (India-CARICOM Summit) के दौरान भारत और कैरेबियाई देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सात स्तंभों वाली रूपरेखा पेश की।
भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के बारें में:
: उन्होंने सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों को दर्शाने के लिए संक्षिप्त नाम “कैरिकॉम” को पुनः परिभाषित करने का प्रस्ताव रखा, जो कैरेबियाई समुदाय के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
: प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित कैरिकॉम हेतु सात स्तंभ-
1- क्षमता निर्माण:
- 1,000 आईटी छात्रवृत्तियों की घोषणा की गई और एक क्षेत्रीय फोरेंसिक केंद्र का प्रस्ताव रखा गया।
- बेलीज में भारत के प्रौद्योगिकी केंद्र का विस्तार करके इसमें सभी कैरिकॉम सदस्यों को शामिल किया गया।
- सिविल सेवकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण।
2- कृषि और खाद्य सुरक्षा:
- ड्रोन जैसी कृषि प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति को साझा किया।
- पोषण और स्थिरता के लिए बाजरे की खेती को बढ़ावा दिया।
3- नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन:
- कैरिकॉम को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन जैसी अन्य वैश्विक पहलों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।
4- नवाचार और प्रौद्योगिकी:
- भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI) और ई-मार्केटप्लेस मॉडल को साझा किया गया।
- एसएमई को समर्थन देने के लिए “स्टैक” बुनियादी ढांचे पर सहयोग का प्रस्ताव।
5- क्रिकेट और संस्कृति:
- प्रत्येक कैरीकॉम राष्ट्र के लिए 11 महिला क्रिकेट छात्रवृत्ति की पेशकश की गई।
- भारत महोत्सव और बॉलीवुड फिल्म महोत्सवों के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रस्ताव रखा गया।
6- महासागर अर्थव्यवस्था और समुद्री सुरक्षा:
- कैरिकॉम को समुद्री संसाधन विकास की क्षमता वाले “बड़े महासागर देशों” के रूप में स्थान दिया गया।
- समुद्री डकैती और तस्करी के खिलाफ समुद्री सुरक्षा के लिए समर्थन का वचन दिया गया।
7- दवाइयाँ और स्वास्थ्य सेवा:
- जन औषधि योजना के माध्यम से किफायती स्वास्थ्य सेवा समाधान साझा किए गए।
- टेलीहेल्थ कार्यक्रम और उन्नत कैंसर उपचार तकनीक का प्रस्ताव रखा गया।
- स्वास्थ्य सेवा लागत को कम करने के लिए भारतीय फार्माकोपिया को अपनाने का सुझाव दिया गया।
