सन्दर्भ:
: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 (National Geospatial Policy 2022) के तहत ऑपरेशन द्रोणागिरी (Operation Dronagiri) को शुरू किए गया।
इसका उद्देश्य है:
: नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता और व्यापार करने में आसानी को बेहतर बनाने के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों का प्रदर्शन करना।
ऑपरेशन द्रोणागिरी के बारे में:
: इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा लॉन्च किया गया।
: 13 नवंबर, 2024 को लांच।
: पहले चरण के राज्य- उत्तर प्रदेश, हरियाणा, असम, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र।
: फोकस क्षेत्र- कृषि, आजीविका, रसद और परिवहन।
: कार्यान्वयन मॉडल- स्टार्टअप, निजी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों की भागीदारी के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP)।
: मुख्य विशेषताएँ-
- व्यावहारिक उपयोग के मामलों को प्रदर्शित करने के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों में पायलट परियोजनाएँ।
- निर्बाध डेटा साझाकरण और निर्णय लेने के लिए एकीकृत भू-स्थानिक डेटा साझाकरण इंटरफ़ेस (GDI) से सहायता।
: परिचालन भागीदार-
- निगरानी: आईआईटी तिरुपति नवविश्कर आई-हब फाउंडेशन (आईआईटीटीएनआईएफ)।
- भू-स्थानिक नवाचार त्वरक (जीआईए): आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईएम कलकत्ता और आईआईटी रोपड़।
- कार्यान्वयन चालक: भू-स्थानिक नवाचार सेल, डीएसटी।