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क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारीक्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी
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सन्दर्भ:

: सरकार के घोषित रुख से हटते हुए नीति आयोग के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत को चीन समर्थित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) व्यापार समूह का हिस्सा होना चाहिए।

इसके उद्देश्य है:

: RCEP का लक्ष्य 16 देशों के साथ एक एकीकृत बाजार बनाना है, जिससे इन देशों के उत्पादों और सेवाओं को इस क्षेत्र में उपलब्ध कराना आसान हो सके।
: वार्ता निम्नलिखित पर केंद्रित है- वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा, विवाद निपटान, ई-कॉमर्स, लघु और मध्यम उद्यम, और आर्थिक सहयोग।

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी के बारे में:

: यह दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के सदस्य देशों और इसके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) भागीदारों के बीच एक प्रस्तावित समझौता है।
: इस समझौते का लक्ष्य वस्तुओं और सेवाओं, बौद्धिक संपदा आदि के व्यापार को कवर करना है।
: इसके सदस्य देश- RCEP ब्लॉक में 10 आसियान समूह के सदस्य (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस, लाओस और वियतनाम) और उनके छह FTA भागीदार – चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
: RCEP वार्ता नवंबर 2012 में शुरू हुई और 1 जनवरी 2022 को लागू हुई।


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By gkvidya

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