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21वीं पशुधन जनगणना21वीं पशुधन जनगणना
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सन्दर्भ:

: मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक पहल, 21वीं पशुधन जनगणना अभियान (21st Livestock Census Operation) का केंद्रीय मंत्री द्वारा शुभारंभ किया गया।

21वीं पशुधन जनगणना के बारे में:

: 25 अक्टूबर, 2024 को शुरू
: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय इसमें शामिल है।
: 1919 से हर पाँच साल में आयोजित की जाती है, पिछली जनगणना 2019 में हुई थी।
: जनगणना अवधि- अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक निर्धारित।
: इसका विस्तार-

  • इसमें 15 पशुधन प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें मवेशी, भैंस, याक, भेड़, बकरी और अन्य शामिल हैं।
  • इसमें मुर्गी, बत्तख, टर्की, बटेर और अन्य जैसी पोल्ट्री प्रजातियाँ शामिल हैं।
  • 16 प्रजातियों की 219 देशी नस्लों पर डेटा।

: नई विशेषताएँ-

  • पशुपालकों द्वारा पशुधन धारण पर स्वतंत्र डेटा एकत्र करने वाली पहली जनगणना।
  • पशुपालन में मुख्य रूप से शामिल व्यक्तियों के लिंग के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।

: प्रौद्योगिकी- सटीक और कुशल डेटा संग्रह और प्रसारण के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।
: क्षेत्र अधिकारी- लगभग 1 लाख पशु चिकित्सक और पैरा-पशु चिकित्सक डोर-टू-डोर सर्वेक्षण करेंगे।
: इसका महत्व- नीति-निर्माण के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है और पशुधन क्षेत्र के विकास और वृद्धि का समर्थन करता है।


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By gkvidya

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