
सन्दर्भ-भारत में भी अब कोविड-19 के लिए बूस्टर शॉट्स या तीसरी खुराक लगाने की चर्चा तेज कर दी गयी है।
कोविड-19 बूस्टर शॉट्स-:यह वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक है जिसे मूल शॉट के समय दी गयी सुरक्षा के समय के साथ कम होने के बाद दी जाती है ताकि व्यक्ति की प्रतिरक्षा स्तर को लम्बे समय तक बनाये रखने में मदद मिलती है।
:दरअसल भारत में 40 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन की एक अतिरिक्त खुराक के रुप में बूस्टर शॉट्स लगाने पर विचार करने की सिफारिश की गई है।
:यह सिफारिश इंडियन सार्स कोव-2 जिनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने की है।
INSACOG क्या होगा-यह जीनोम सिक्वेंसिंग विषेशज्ञता वाला निकाय है जो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT ) द्वारा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद(CSIR) तथा भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद (ICMR) के साथ संयुक्त रूप से प्रारम्भ किया गया है।
:भारत में फिलहाल लोगों को कोरोनावायरस की दो खुराकें ही दी जा रही हैं।
:हालांकि यूएस और यूके जैसे देश सभी वयस्कों के लिए बूस्टर खुराक को मंजूरी दे चुके हैं।
:भारत में भी दो स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन और कोविशिल्ड दी जा रही है,जिनकी संक्रमण के प्रति प्रभावशीलता में कमी देखी जा रही है।
:इसके अलावा ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस इंस्टिट्यूट,फरीदाबाद ने अपने अध्ययन में पाया कि कोविशील्ड के दो शॉट्स इस मामले में 63% से 85% तक ही सुरक्षा प्रदान करते हैं।
:कोवैक्सीन की दोनों खुराकों के बीच आमतौर पर 4 से 6 हफ्तों का अंतराल होता है,जबकि कोविशिल्ड के मामले में यह अंतराल 12 से 16 हफ्ते का हैं।
:दुनिया के कई देश दोनों भारतीय वैक्सीन्स को मान्यता दे चुके हैं।
:हाल ही में भारत से पहले ओमीक्रोन केस की पुष्टि हुई है।
:ओमीक्रोन में कई चरणों में म्युटेशन की मौजूदगी के चलते,इसे कोविड के अन्य वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है जिसके चलते भारत सहित दुनिया भर में इसे लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
:ब्रिटैन में किये गए शोध के अनुसार दुनिया की सात वैक्सीन्स जिनमे कोविशिल्ड भी शामिल है के बूस्टर डोज़ से प्रतिरोधक क्षमता में काफी वृद्धि हुई है।