सन्दर्भ:
: विशाखापत्तनम में मानसून के मौसम के कारण समुद्र तट का कटाव हुआ है, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध के ऐतिहासिक पिलबॉक्स (Pillbox) सामने आए हैं जो लंबे समय से रेत के नीचे दबे हुए थे।
पिलबॉक्स के बारें में:
: ये संरचनाएं युद्ध के दौरान शहर की रणनीतिक समुद्री रक्षा विरासत की एक झलक पेश करती हैं।
: पिलबॉक्स द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली छोटी, कंक्रीट की रक्षा संरचनाएँ हैं, जो हथियारों को चलाने के लिए खामियों से सुसज्जित हैं।
: डिज़ाइन- 20वीं सदी के शुरुआती दौर के दवा कंटेनरों (पिलबॉक्स) के नाम पर उनके कॉम्पैक्ट, गोलाकार डिज़ाइन के कारण इसका नाम रखा गया है।
: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान निर्मित: शहर के नौसैनिक अड्डे और गहरे बंदरगाह की सुरक्षा के लिए विशाखापत्तनम में अंग्रेजों द्वारा निर्मित।
: रणनीतिक स्थान- एक्सिस बलों द्वारा संभावित आक्रमणों, विशेष रूप से जापानी पनडुब्बियों और विमानों के खतरों से बचाव के लिए समुद्र तट के साथ स्थित है।
पिलबॉक्स के उपयोग:
: रक्षा- सैनिकों को दुश्मन के हमलों से सुरक्षित रहते हुए हथियार चलाने में सक्षम बनाया।
: तटीय सुरक्षा: विशाखापत्तनम के तटों और बंदरगाह की रक्षा करने वाले एक बड़े रक्षा नेटवर्क के हिस्से के रूप में कार्य किया।
: विरासत- ये पिलबॉक्स द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे के रूप में विशाखापत्तनम की भूमिका के अवशेष हैं।