सन्दर्भ:
: मध्य प्रदेश के इंदौर निर्वाचन क्षेत्र में NOTA विकल्प (इनमें से कोई नहीं विकल्प) दूसरे स्थान पर रहा, जिसने रिकॉर्ड तोड़ 2,18,674 वोट प्राप्त किए, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
NOTA विकल्प के बारे में:
: यह मतपत्र पर एक मतदान विकल्प है जो मतदाताओं को किसी भी उम्मीदवार को चुने बिना सभी उम्मीदवारों के प्रति अपनी असहमति दर्शाने की अनुमति देता है।
: NOTA मतदाताओं को अपने नकारात्मक विचार और दावेदारों के प्रति समर्थन की कमी व्यक्त करने का अधिकार देता है।
: यह उन्हें अपने निर्णय की गोपनीयता बनाए रखते हुए अस्वीकार करने का अधिकार देता है।
इसका पहली बार प्रयोग कब हुआ था?
: NOTA का पहली बार इस्तेमाल 2013 में पांच राज्यों-छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में किया गया था और बाद में 2014 के आम चुनावों में भी इसका इस्तेमाल किया गया था।
: इसे 2013 में पीयूसीएल बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनावी प्रक्रिया में शामिल किया गया था।
वर्तमान याचिका:
: सर्वोच्च न्यायालय एक याचिका पर विचार कर रहा है, जिसमें निर्वाचन क्षेत्र में नोटा को सर्वाधिक वोट मिलने पर चुनाव को “अमान्य” घोषित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग की गई है।
