सन्दर्भ:
: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर, 2023 को यशोभूमि द्वारका, नई दिल्ली में केंद्रीय क्षेत्र की योजना पीएम-विश्वकर्मा की शुरुआत किए।
इस योजना का उद्देश्य है:
: अपने हाथों और सामान्य उपकरणों से काम करने वाले पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों को मान्यता देना और उन्हें व्यापक सहायता प्रदान करना।
पीएम-विश्वकर्मा योजना के बारें में:
: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 अगस्त, 2023 को पूरे भारत में “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना” नाम से एक नई योजना को लागू करने की मंजूरी देकर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक दूरदर्शी निर्णय लिया था।
: इससे उनके उत्पादों की गुणवत्ता, स्तर व पहुंच में सुधार हो सके और उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत किया जा सकेगा।
: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 पारंपरिक कारीगरों को शामिल किया गया है।
: इसके लाभार्थी है- पारंपरिक नाव निर्माता, मछली पकड़ने के जाल निर्माता, सुनार, बढ़ई, मूर्तिकार, दर्जी, धोबी, मालाकार, कुम्हार, नाई, राजमिस्त्री, सुनार, ताला बनाने वाला, मोची, पारंपरिक गुड़िया व खिलौना बनाने वाला, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला/कॉयर बुनकर, इत्यादि।
: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय है।
योजना के लाभ:
: Rs.15000 तक के टूलकिट दिए जाएंगे।
: विश्वकर्मा भाई बहनो को 3 लाख तक बिना गारंटी ऋण की सुविधा।
: स्किल अपग्रेडेशन के लिए प्रशिक्षण और Rs. 500 का स्टाइपेंड।
: तैयार उत्पादों के लिए क्वालिटी सर्टीफिकेशन, ब्रांडिंग और विज्ञापन जैसी मार्केटिंग सुविधा।