
सन्दर्भ-दूरसंचार विभाग (DoT) ने छठी पीढ़ी या 6G तकनीक पर टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप (TIG) के तहत छह अकादमिक-संचालित टास्क फोर्स का गठन किया,जिससे उद्योग का प्रतिनिधित्व केवल प्रतीकात्मक हो गया।
प्रमुख तथ्य-:एक अधिसूचना आधार पर, विभाग ने 31 मार्च 2022 तक तत्काल डिलिवरेबल्स को अनिवार्य कर दिया, जिसमें दुनिया भर में 6G गतिविधियों और क्षमताओं का मानचित्रण,और अनुसंधान और पूर्व-मानकीकरण गतिविधियों सहित भारत की दक्षताओं पर एक श्वेत पत्र शामिल था।
:नए कार्य समूहों का नेतृत्व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)-चेन्नई के निदेशक भास्कर राममूर्ति कर रहे हैं।
:भारत में विकास अगली पीढ़ी की तकनीक के डिजाइन और तैनाती का अध्ययन करने के लिए फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन (FCC) के तहत यूएस हाउस कमेटी द्वारा स्थापित 6G टास्क फोर्स की ऊंचाई के करीब आता है।
:6G, 5G में अपनाए गए बहुपरत फ़्रीक्वेंसी बैंड दृष्टिकोण का उपयोग करना जारी रखेगा, ताकि मिलीमीटर वेव (mmWave) बैंड को एकीकृत सेंसिंग और संचार अनुप्रयोगों के लिए तैनात किया जा सके,और आवश्यक स्पेक्ट्रम बैंडविड्थ 500 MHz से कई GHz प्रति ऑपरेटर हो।
:विभाग द्वारा गठित टास्क फोर्स में रक्षा मंत्रालय (MoD), इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), रक्षा अनुसंधान और विकास का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारी भी शामिल हैं।
:इसमें प्रमुख संगठन,डीआरडीओ (DRDO), दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (TEC) और टेलीमैटिक्स के विकास केंद्र (C-DoT), और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) भी शामिल है।
6G तकनीक-:6जी अर्थात छठी पीढ़ी का वायरलेस,5जी सेलुलर तकनीक का उत्तरवर्ती है,जिसकी आवृति 5जी की तुलना में उच्च और प्रसुप्ति अत्यंत निम्न होगी
:यह एक मिलीसेकंड सन्देश प्रवाह (थ्रूपुट) की तुलना में 1000 गुना तेज या प्रसुप्ति का 1/1000वां भाग होने की सम्भावना है।
:यह 5G से 50 गुना तेज हो सकती है,जिससे 1 टेराबाईट प्रति सेकंड की डेटा के हस्तांतरण में सक्षम होगा।