सन्दर्भ:
:रिलायंस जियो 5G नेटवर्क ‘स्टैंडअलोन’ आर्किटेक्चर पर काम करेगा,जैसा कि जिओ ने कहा है कि इसे दिवाली तक चारों महानगरों में शुरू किया जाएगा।
5G के फायदे:
:5G, 4G की तुलना में बहुत तेज इंटरनेट स्पीड और कम विलंबता की अनुमति देगा।
:4जी के लिए 100 Mbps की तुलना में पीक स्पीड 10 Gbps तक पहुंच सकती है,जबकि 4G लेटेंसी 10-100 मिलीसेकंड है, 5G पर यह 1 मिलीसेकंड से कम होने की संभावना है।
5G नेटवर्क के दो अलग मॉडल है:
:5G नेटवर्क दो मोड पर प्रसारित होते है पहला स्टैंडअलोन और दूसरा नॉन-स्टैंडअलोन।
:दोनों के अपने फायदे और नुकसान है।
:स्टैंडअलोन मोड में, जिसे Jio ने चुना है, 5G नेटवर्क समर्पित उपकरणों के साथ काम करता है और मौजूदा 4G नेटवर्क के समानांतर चलता है।
लाभ क्या है: स्टैंडअलोन मोड पूर्ण 5G क्षमताओं और नई नेटवर्क कार्यक्षमताओं तक पहुंच प्रदान करता है जैसे कि स्लाइसिंग जो ऑपरेटरों को अपने स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स का कुशलता से उपयोग करने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करता है।
नुकसान क्या है: यह महंगा है और मौजूदा स्मार्टफोन पर काम करने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट की आवश्यकता होगी।
:नॉन-स्टैंडअलोन मोड, 5G नेटवर्क 4G कोर इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा समर्थित है।
लाभ क्या है: प्रारंभिक लागत और इस ट्रैक के माध्यम से सेवाओं को शुरू करने में लगने वाला समय स्टैंडअलोन नेटवर्क की तुलना में काफी कम है और अधिकांश स्मार्टफोन पर काम कर सकता है।
नुकसान क्या है: ट्रैफिक बढ़ने पर ऑपरेटरों को अंततः स्टैंडअलोन मोड के लिए जाना होगा।