
सन्दर्भ-36वीं अंतर्राष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस (IGC) का आयोजन नई दिल्ली में किया जाएगा।
विषय/थीम है-“ भूविज्ञान : एक सतत भविष्य के लिए मूलभूत विज्ञान ‘‘
महत्त्व क्या है-वैज्ञानिक कार्यक्रम प्रतिबिंबित करेगा कि किस प्रकार भूविज्ञान जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हुए एक सतत भविष्य के साथ आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ है।
प्रमुख तथ्य-:इसका आयोजन वर्चुअल माध्यम से 20-22 मार्च, 2022 को किया जाएगा।
:मूल रूप से इसका आयोजन 2-8 मार्च, 2020 के दौरान किया जाना था जिसे कोविड महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था।
:भारत ने 58 वर्ष पहले अंतरराष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस के 22वें सत्र की मेजबानी की थी जो एशिया की भूमि पर आयोजित होने वाली पहली IGC थी।
:यह कांग्रेस,खान मंत्रालय,पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय,भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी तथा बांग्ला देश, नेपाल तथा श्रीलंका की विज्ञान अकादमियों का एक संयुक्त प्रयास है।
:भूविज्ञान के ओलंपिक कहे जाने वाले इस IGC का आयोजन हर चार वर्ष में IGC के वैज्ञानिक प्रायोजक,इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल कांग्रेस (IUGS) के तहत किया जाता है।
:इस कांग्रेस में दुनिया भर से लगभग 5000-7000 तक शिष्टमंडलों के प्रतिनिधि भाग लेते है।
:यह आयोजन भूविज्ञान तथा व्यावसायिक नेटवर्किंग के क्षेत्र में ज्ञान एवं अनुभव साझा करने का एक अनूठा मंच उपलब्ध कराएगा।
:यह खनन,खनिज अन्वेषण तथा जल के प्रबंधन,खनिज अवयव संसाधन एवं पर्यावरण में नवीनतम प्रौद्योगिकीयों पर व्यवहारिक जानकारी प्रदान करेगा।
:भारत ने 2012 में ब्रिस्बेन में आयोजित 34वीं अंतर्राष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस में वर्ष 2020 में भारत में 36वीं अंतरराष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस की मेजबानी करने के लिए बोली लगाई थी और जीती थी।
:36वीं अंतरराष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस इस अवसर पर प्रथम दिवस के कवर के साथ तीन स्मारक डाक टिकट जारी करेगी।