
सन्दर्भ- विश्व में कछुओ की घटती संख्या को देखते हुए हर वर्ष 23 मई को पुरे विश्व में विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य है-:
:पुरे विश्व से उंनके तेजी से समाप्त होते आवासों की रक्षा करना।
प्रमुख तथ्य-साल 2000 से विश्व कछुआ दिवस की शुरुआत अमेरिका के एक गैरलाभकारी संगठन अमेरिकन टॉर्टवायज रेस्क्यु (ATR-American Tortoise Rescue)द्वारा की गई थी।
:कछुओं की प्रजाति विश्व की सबसे पुरानी जीवित प्रजातियों में से एक मानी जाती है. यह कम से कम 200 मिलियन पुरानी है।
:कछुआ पृथ्वी पर सबसे अधिक आयु तक जीवित रहने वाला जीव माना जाता है,एक कछुआ 150 साल से भी ज्यादा वक्त तक जीवित रहता है।
:अधिक उम्र तक जीवित रहने वाला कछुआ है हनाको कछुआ था,जो कम से कम 226 सालों तक जीवित रहा,हनाको की मृत्यु 17 जुलाई, 1977 में हुई थी।
:कछुओं के कवच के रंग से पता लगाया जा सकता है कि ये जिस इलाके में रहते हैं,वहां का तापमान कैसा है.दरअसल,गर्म इलाकों में रहने वाले कछुओं के कवच का रंग हल्का होता है।
:पूरी दुनिया में कछुओं की कुल 300 प्रजातियां (species) हैं जिनमें से वर्तमान में 129 प्रजातियां संकट में हैं।
:भारत में कछुओं के सामने सबसे बड़ा खतरा तस्करी है,साथ ही कई मानव निर्मित मुद्दों से कछुओं को भी खतरा पहुँचता है।
:ज्योतिष शास्त्र और वास्तु फेंगशुई के अनुसार वास्तु दोष निवारण के लिए कछुए को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।