सन्दर्भ:
: लेख में बेंगलुरु की शहरी चुनौतियों, जैसे भीड़भाड़, जल संकट और अनिश्चित मौसम से निपटने के लिए 15 मिनट का पड़ोस की क्षमता पर चर्चा की गई है।
15 मिनट का पड़ोस के बारें में:
: 15 मिनट का पड़ोस की अवधारणा एक शहरी नियोजन दृष्टिकोण है, जहाँ सभी आवश्यक सेवाएँ और सुविधाएँ – जैसे कि किराने का सामान, स्कूल, स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन सुविधाएँ – निवासियों के घरों से 15 मिनट की पैदल दूरी या बाइक की सवारी के भीतर उपलब्ध हैं।
: इस मॉडल का उद्देश्य कार पर निर्भरता को कम करना, पर्यावरणीय स्थिरता में सुधार करना और पैदल चलने की सुविधा और स्थानीय पहुँच को बढ़ावा देकर सामुदायिक कल्याण को बढ़ाना है।
15 मिनट का पड़ोस की अवधारणा बेंगलुरु की शहरी चुनौतियों के समाधान में मददगार:
: स्वास्थ्य लाभ- पैदल चलने और साइकिल चलाने जैसे सक्रिय परिवहन को प्रोत्साहित करने से शारीरिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती बढ़ती है।
: बढ़ी हुई सुरक्षा- गैर-मोटर चालित परिवहन के लिए बेहतर बुनियादी ढाँचा दुर्घटनाओं को कम करता है और सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार करता है।
: सुधारित वायु गुणवत्ता- वाहनों के कम उपयोग से उत्सर्जन कम होता है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।
: यातायात की भीड़ में कमी- छोटी यात्राओं के लिए पैदल चलने और साइकिल चलाने को बढ़ावा देने से कारों पर निर्भरता कम होती है, जिससे सड़क पर भीड़भाड़ कम होती है।
: बढ़ी हुई सामुदायिक सहभागिता- आवश्यक सेवाओं के करीब होने से सामाजिक संबंध और समुदाय की भावना मजबूत होती है।
: कमजोर समूहों के लिए सहायता- पैदल दूरी के भीतर सुलभ सेवाएँ महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को लाभ पहुँचाती हैं।
