सन्दर्भ:
: सरकार ने डिजीयात्रा (DigiYatra) की शुरुआत की है जो राष्ट्रीय राजधानी, बैंगलोर और वाराणसी में हवाई अड्डों पर हवाई यात्रियों के लिए एक निर्बाध प्रवेश और आरोहण प्रक्रिया प्रदान करेगी।
डिजीयात्रा पहचान तकनीक के बारें में:
: डिजीयात्रा चेहरे की पहचान तकनीक पर आधारित है।
: अगले साल मार्च तक, इसे चार और हवाईअड्डों- हैदराबाद, पुणे, विजयवाड़ा और कोलकाता और बाद में सभी हवाईअड्डों पर लॉन्च किया जाएगा।
: यह टर्मिनल 3 (T3) से घरेलू उड़ानें लेने वाले यात्रियों के लिए उपलब्ध होगा।
: फिलहाल एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो डिजीयात्रा का हिस्सा हैं।
: ऐप एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
: ज्ञात हो कि डिजी यात्रा फाउंडेशन, एक गैर-लाभकारी कंपनी है, डिजीयात्रा के लिए नोडल निकाय है।
: फाउंडेशन के शेयरधारक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल), बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल), दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल), हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एचआईएएल) और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) हैं।
कैसे ले इस सुविधा का लाभ:
: यात्री को आधार-आधारित सत्यापन और एक स्व-छवि कैप्चर का उपयोग करके डिजीयात्रा ऐप पर अपना विवरण दर्ज करना होगा।
: अगले चरण में, बोर्डिंग पास को स्कैन करना होता है और क्रेडेंशियल्स को हवाई अड्डे के साथ साझा किया जाता है।
: हवाई अड्डे के ई-गेट पर यात्री को पहले बार-कोडेड बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा और ई-गेट पर स्थापित चेहरे की पहचान प्रणाली यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को मान्य करेगी।
: एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यात्री ई-गेट से एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता है।
: यात्री को सुरक्षा क्लियर करने और विमान में सवार होने के लिए सामान्य प्रक्रिया का पालन करना होगा।
गोपनीयता और डेटा मुद्दे:
: यात्रियों द्वारा साझा किया गया डेटा एक एन्क्रिप्टेड प्रारूप में और विकेंद्रीकृत तरीके से संग्रहीत किया जाएगा।
: किसी यात्री के फोन पर सुरक्षित, एन्क्रिप्टेड जानकारी यात्रा से 24 घंटे पहले उस हवाई अड्डे को प्रदान की जा सकती है जहां से वह उड़ान भर रहा है।