सन्दर्भ:
: केंद्रीय कृषि मंत्रालय मौजूदा एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना के तहत स्मार्ट प्रिसिजन बागवानी कार्यक्रम (Smart Precision Horticulture Programme) की योजना बना रहा है।
स्मार्ट प्रिसिज़न बागवानी कार्यक्रम के बारे में:
: यह पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करते हुए संसाधनों के अधिकतम उपयोग के माध्यम से उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और डेटा एनालिटिक्स जैसी स्मार्ट तकनीक का उपयोग करता है।
: यह 2024-25 से 2028-29 तक पाँच वर्षों में 15,000 एकड़ भूमि को कवर करेगा और इससे लगभग 60,000 किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
: वर्तमान में, कोविड-19 के दौरान शुरू किए गए कृषि अवसंरचना कोष (AIF) में स्मार्ट और सटीक कृषि के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के प्रावधान हैं।
: वित्तीय सहायता देने के अलावा, केंद्र नीदरलैंड और इज़राइल के साथ सहयोग करने पर भी विचार कर रहा है, जहाँ उत्कृष्टता केंद्रों (COI) के माध्यम से तकनीक-आधारित आधुनिक कृषि समाधानों का उपयोग किया जा रहा है।
: केंद्र ने नई तकनीकों का परीक्षण करने और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार उन्हें संशोधित करने के लिए देश भर में 22 परिशुद्धता कृषि विकास केंद्र (PFDC) भी स्थापित किए हैं।
स्मार्ट और सटीक खेती के प्रभाव:
: यह उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने के लिए पानी, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे संसाधनों का अधिकतम उपयोग करता है।
: यह किसानों को जलवायु परिवर्तन और अन्य अनिश्चितताओं से बचाता है, साथ ही टिकाऊ खेती सुनिश्चित करता है।