सन्दर्भ-:सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में घोषणा की है कि वह मौजूदा EWS, OBC आरक्षण के आधार पर 2021-2022 के लिए NEET-PG काउंसलिंग की अनुमति देगा।
:इस आधार पर वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27% आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लिए 10% आरक्षण की अनुमति प्रदान करेगा,इस साल सभी मेडिकल सीटों के लिए एनईईटी में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटों के लिए मौजूदा मानदंड के रूप में काउन्सलिंग आरभ होगी।
प्रमुख तथ्य-शीर्ष अदालत ने अंतिम निर्णय के लिए 5 मार्च को ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख आय मानदंड को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है।
:NEET-PG के लिए शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए EWS मानदंड अधिसूचित किए जाएंगे,और भविष्य के लिए यह अंतिम निर्णय के अधीन होगा।
:खंड पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश के विस्तृत कारणों का पालन किया जाएगा और शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए एनईईटी-पीजी के लिए काउंसलिंग पहले से अधिसूचित मानदंडों के अनुसार ही होगी।
:कोर्ट ने पांडेय समिति की सिफारिशों को मानते हुए कहा कि ओएम 2019 में जो मानदंड निर्धारित किए गए है,उनका उपयोग 2021-2022 किया जाय ताकि प्रवेश प्रक्रिया अबाधित रहे।
:ओएम 2019 द्वारा अधिसूचित ईडब्ल्यूएस के निर्धारण के मानदंड के उपयोग ईडब्ल्यूएस श्रेणी की पहचान करने के लिए किया जायेगा। जो NEET-PG और NEET-UG 2021 की परीक्षाओं में शामिल हुए थे।
:ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए ₹8 लाख आय मानदंड के आवेदन को सही ठहराते हुए, सरकार ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा उचित विचार-विमर्श के बाद ही निर्णय लिया गया।
:देखा जय तो 10% का आरक्षण 103वें संविधान संशोधन के माध्यम से पेश किया गया था जिसे जनवरी 2019 में लागू किया गया था।