सन्दर्भ:
: भारत और नेपाल ने अपने आगे के अध्ययन के द्वारा सप्त कोसी उच्च बांध परियोजना को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
सप्त कोसी उच्च बांध परियोजना से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने काठमांडू में मुलाकात की और द्विपक्षीय जल-क्षेत्र सहयोग की व्यापक समीक्षा दौरान यह निर्णय लिया।
: इसके अलावा महाकाली संधि को लागू करना और बाढ़ और बाढ़ के क्षेत्रों में सहयोग करना भी शामिल है।
: जल संसाधन पर संयुक्त समिति (JCWR) की 9वीं बैठक जल संसाधन पर संयुक्त स्थायी तकनीकी समिति की 7वीं बैठक से पहले हुई थी।
: इन बैठकों में भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय जल-क्षेत्र सहयोग की व्यापक समीक्षा की गई, जिसमें महाकाली संधि का कार्यान्वयन, सप्त कोसी-सूर्य कोसी परियोजना, और बाढ़ और बाढ़ के क्षेत्रों में सहयोग शामिल है।
: महाकाली नदी के एकीकृत विकास पर 1996 में महाकाली संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें सारदा बैराज, टनकपुर बैराज और पंचेश्वर परियोजना शामिल हैं।
: बाढ़ और बाढ़ प्रबंधन पर संयुक्त समिति (JCIFM) और कोसी और गंडक परियोजना पर संयुक्त समिति (JCKGP) सहित विभिन्न द्विपक्षीय समितियों की प्रगति पर भी चर्चा की गई।
: आगे के अध्ययनों के माध्यम से सप्त कोसी उच्च बांध परियोजना को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई, जो नियोजित अपस्ट्रीम परियोजनाओं, परियोजना के जलमग्न क्षेत्र के साथ-साथ अन्य सामाजिक, पर्यावरणीय और तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हैं।