सन्दर्भ:
: केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री ने हाल ही में ‘श्वेत क्रांति 2.0’ (White Revolution 2.0) के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का शुभारंभ किया, जिसमें कहा गया कि दूध डेयरियां महिला सशक्तिकरण और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में सहायता करेंगी।
श्वेत क्रांति 2.0 के बारे में:
: यह एक व्यापक पहल है जिसका उद्देश्य महिला किसानों को सशक्त बनाना और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
: कार्यक्रम चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है-
- डेयरी निर्यात को बढ़ावा देना।
- स्थानीय दूध उत्पादन को बढ़ाना।
- महिला किसानों को सशक्त बनाना।
- डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
: श्वेत क्रांति 2.0 के तहत, सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में डेयरी सहकारी समितियों द्वारा दूध की खरीद में 50 प्रतिशत की वृद्धि करना है, जिसके लिए अछूते गांवों/पंचायतों में डेयरी किसानों को बाजार तक पहुंच प्रदान करना और दूध खरीद में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाना है।
: इस योजना में 100,000 नई और मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देशीय जिला सहकारी समितियों और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (M-PACS) की स्थापना और सुदृढ़ीकरण शामिल है, जिन्हें आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ दूध मार्गों से जोड़ा जाएगा।
: सक्षम बुनियादी ढाँचा प्रदान करना जैसे AMCU (स्वचालित दूध संग्रह इकाई), DPMCU (डेटा प्रोसेसिंग दूध संग्रह इकाइयाँ), परीक्षण उपकरण, बल्क मिल्क कूलर आदि डेयरी गतिविधियों को चलाने के लिए पहल का प्रमुख घटक होंगे।
: प्रारंभ में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) अपने स्वयं के संसाधनों से इस पहल को वित्तपोषित करेगा, 1,000 एम-पैक्स को प्रति एम-पैक्स 40,000 रुपये प्रदान करेगा।
: पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD) की प्रस्तावित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम 2.0 योजना से भविष्य में वित्त पोषण की उम्मीद है।