सन्दर्भ:
: सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में वृंदावन के ऐतिहासिक श्री बांके बिहारी मंदिर पर एक जनहित याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों पर नाराजगी व्यक्त की और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ “असंयमित भाषा” के इस्तेमाल पर सवाल उठाया।
श्री बांके बिहारी मंदिर के बारें में:
: यह उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पवित्र शहर वृंदावन में भगवान कृष्ण को समर्पित एक हिंदू मंदिर है।
: ‘बांके’ का अर्थ है मुड़ा हुआ, और ‘बिहारी’ का अर्थ है विहारी, या आनंद लेने वाला।
: इस मंदिर में, मुख्य देवता ‘त्रिभंग’ मुद्रा में विराजमान हैं, जो तीन कोणों पर झुकी हुई है।
: इसलिए, तीन स्थानों पर झुके हुए भगवान कृष्ण को “बांके” नाम मिला।
: इसकी स्थापना प्रसिद्ध गायक तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास ने की थी।
: ‘बांके बिहारी’ को रखने वाला वर्तमान मंदिर परिसर 1864 में निर्मित किया गया था और यह भारतीय शिल्प कौशल का एक अनूठा उदाहरण है।
: मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली से प्रभावित है, जिसमें मेहराब और स्तंभ इसकी भव्यता में चार चाँद लगाते हैं।
: इस मंदिर में, दीवारों से लेकर छत तक, देवताओं के चित्र तैलचित्रों के माध्यम से चित्रित किए गए हैं।
: बांके बिहारी मंदिर की एक अनूठी विशेषता यह है कि परिसर में कोई घंटियाँ या शंख नहीं हैं।
: स्वतंत्रता संग्राम में यह मंदिर क्रांतिकारी गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र था, यहीं से गुप्त रूप से क्रांतिकारी समाचार पत्र “बुन्देलखण्ड केसरी” का प्रकाशन होता था।
