सन्दर्भ:
: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने 15 जून 2024 को ‘वैश्विक पवन दिवस 2024’ (Global Wind Day 2024) का आयोजन किया।
इसका उद्देश्य है:
: भारतीय पवन क्षेत्र की अब तक की उत्कृष्ट सफलता का उत्सव मनाना और भारत में पवन ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाने के लिए संभावित स्वरूपों पर चर्चा करना है।
इसका विषय/ थीम है:
: “पवन-ऊर्जा: भारत के भविष्य को सशक्त बनाना” (Pawan-Urja: Powering the Future of India).
वैश्विक पवन दिवस 2024 के बारें में:
: इस कार्यक्रम में पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए उत्पादन क्षमता, चुनौतियों और व्यवहारिक स्वरूपों पर चर्चा की गई, जो राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित प्रतिबद्धताओं (NDC) को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
: भारत में पवन ऊर्जा उत्पादन का इतिहास चार दशकों से भी अधिक पुराना है।
: मई 2024 तक 46.4 गीगावाट की संचयी स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता के साथ, यह दुनिया में चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है।
: वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से अपनी विद्युत ऊर्जा की स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत और वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के भारत के प्रयासों के लिए पवन ऊर्जा महत्वपूर्ण घटक है।
: विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाईक ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश में सबसे अधिक पवन ऊर्जा क्षमता वृद्धि हासिल करने के लिए गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों को सम्मानित किया।
: नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया गया, जिससे भारत पवन ऊर्जा में अग्रणी बन सके और सभी के लिए एक हरित, उज्जवल भविष्य का निर्माण हो सके।
: हितधारकों को इस क्षेत्र के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग करने के लिए प्रेरित किया गया।
: साथ ही सौर और पवन ऊर्जा के संयोजन की आवश्यकता पर बल दिया गया, ताकि अधिक विश्वसनीय ग्रिड बनाई जा सके और वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता और वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली ऊर्जा प्राप्त करने के लक्ष्य तक पहुँचा जा सके।
: इस कार्यक्रम में तीन पैनल चर्चाएँ हुईं, जिसमें ऑनशोर और ऑफशोर पवन ऊर्जा दोनों की क्षमता पर चर्चा की गई, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, निर्माताओं और डेवलपर्स, शिक्षाविदों, प्रमुख विचारकों और अन्य प्रमुख हितधारकों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली।
: इस कार्यक्रम का सफल आयोजन, मंत्रालय, शक्ति सतत ऊर्जा फाउंडेशन (एसएसईएफ), भारतीय पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माता संघ (आईडब्ल्यूटीएमए), भारतीय पवन ऊर्जा संघ (आईडब्ल्यूपीए), पवन स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादक संघ (डब्ल्यूआईपीपीए) और सौर ऊर्जा डेवलपर्स संघ (एसपीडीए) के सफल सहयोग से किया गया।