सन्दर्भ:
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: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तीन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दे दी, जिन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की एकीकृत केन्द्रीय क्षेत्र योजना ‘विज्ञान धारा’ (Vigyan Dhara) में विलय कर दिया गया है।
विज्ञान धारा के बारें में:
: यह देश में STI पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में S&T क्षमता निर्माण, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देगा।
: DST योजना शैक्षणिक संस्थानों में अच्छी तरह से सुसज्जित अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देकर देश के S&T बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी।
: 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान एकीकृत योजना ‘विज्ञान धारा’ के कार्यान्वयन हेतु प्रस्तावित परिव्यय 10,579.84 करोड़ रुपये का है।
: इस योजना के कार्यान्वयन से शैक्षणिक संस्थानों में पूर्ण रूप से सुसज्जित अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देकर देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाएगा।
: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लक्षित क्रियाकलाप किए जाएंगे, जिसका अंतिम लक्ष्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में महिला-पुरुष आधारित समानता लाना है।
: ‘विज्ञान धारा’ योजना के तहत प्रस्तावित सभी कार्यक्रम विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के 5 वर्षीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगे।
विज्ञान धारा योजना फोकस:
: सभी स्तरों पर नवाचार को बढ़ावा देना।
: महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल का निर्माण।
: STI में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना।
: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से सहयोगात्मक अनुसंधान।
: बुनियादी अनुसंधान के साथ-साथ अनुवादात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देना।
विज्ञान धारा योजना संरेखण:
: राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप रहते हुए विश्व स्तर पर प्रचलित मानदंडों का पालन करने की योजना।
: विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए STI पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना।
: योजना के अनुसंधान एवं विकास घटक को अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के साथ जोड़ा जाएगा।
विज्ञान धारा योजना के 3 व्यापक घटक हैं:
: अनुसंधान एवं विकास।
: नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और तैनाती।
: विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थागत और मानव क्षमता निर्माण।