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वज्र मुष्टि कलगावज्र मुष्टि कलगा Photo@INSIGHT
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सन्दर्भ:

: “वज्र मुष्टि कलगा”(Vajra Mushti Kalaga) एक है कुश्ती का अनोखा रूप जिसमें दो प्रतियोगी शामिल होते हैं जो नक्कलडस्टर्स का उपयोग करके एक- दूसरे के सिर से खून निकालने की कोशिश करते हैं।

वज्र मुष्टि कलगा की विशेषताएं:

: मार्शल आर्ट फॉर्म- वज्र मुष्टी कलागा एक पारंपरिक भारतीय मार्शल आर्ट है जिसमें “थंडरबोल्ट फिस्ट” नामक नक्कलडस्टर शामिल है।
: यह पारंपरिक ग्रैपलिंग से भिन्न है, इसमें ग्रैपलिंग और स्ट्राइकिंग जैसी हाथ से हाथ मिलाकर मुकाबला करने की तकनीकें शामिल हैं।
: दो प्रतिभागियों, जिन्हें जेट्टी कहा जाता है, का उद्देश्य नक्कलडस्टर (जानवरों के सींगों से बना और लड़ाकू के पोर पर पहना जाने वाला) का उपयोग करके विजेता वह है जो पहले प्रतिद्वंदी के सिर से खून निकालना है।
: यह परंपरा 1610 में वाडियार राजवंश (मैसूर साम्राज्य) से चली आ रही है।
: आधुनिक लड़ाके कुंद-जड़ित नकल-डस्टर का उपयोग करते हैं, जिन्हें इस नाम से भी जाना जाता है “इंद्र-मुष्टि” या “इंद्र की मुट्ठी।”
: विजेता वह है जो पहले प्रतिद्वंद्वी के सिर से खून निकालता है।
: मध्यकालीन पुर्तगाली यात्रियों ने विजयनगर साम्राज्य (14वीं-17वीं शताब्दी) में नवरात्रि उत्सव के दौरान कुश्ती के इस रूप को देखा था।
: वज्र मुश्ती कलागा में गिरावट देखी गई है और आधुनिक समय में इसका अभ्यास शायद ही कभी किया जाता है।
: वज्र मुश्ती मैच अभी भी मैसूर पैलेस में मैसूर दशहरा उत्सव के दौरान आयोजित किए जाते हैं।


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By gkvidya

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