सन्दर्भ:
: हाल ही में असम के कार्बी आंगलोंग जिले के उम्सवाई गांव में तिवा आदिवासियों ने लंगखुन उत्सव (Langkhon Festival) मनाया।
लंगखुन उत्सव के बारे में:
: यह असम के तिवा समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक सामाजिक-धार्मिक उत्सव है।
: इस त्योहार के दौरान लोग आगामी रबी फसल के मौसम में अच्छी फसल की कामना करते हैं।
: इस त्योहार के दौरान समुदाय के सदस्य प्रसाद चढ़ाते हैं और देवताओं से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं।
: संगीत और नृत्य सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस उत्सव का हिस्सा होते हैं।
: इसका महत्व- तिवा लांगखुन त्योहार का सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है और समुदाय अच्छी फसल की कामना करता है।
: तिवा जनजाति के बारे में:-
- तिवा लोगों को लालुंग भी कहा जाता है और वे पूर्वोत्तर भारत के असम और मेघालय राज्यों में रहते हैं।
- पहाड़ी तिवा और मैदानी तिवा हैं:
- पहाड़ी तिवा: ये असम के कार्बी आंगलोंग ज़िले और मेघालय में रहते हैं, ये तिब्बती-बर्मी भाषा बोलते हैं।
- मैदानी तिवा: ये ब्रह्मपुत्र घाटी के दक्षिणी तट पर रहते हैं, ये असमिया बोलते हैं।
- समाज: यहाँ मातृसत्तात्मक समाज व्यवस्था है जहाँ तिवा लड़का किसी लड़की से विवाह करने के लिए उसके पास जाता है, इस व्यवस्था को “कोबेआ लिवा” कहा जाता है।
- तिवा जनजातियों के प्रमुख त्यौहार हैं: तिवा बिहू, जोन बील मेला, सागरमिसावा, लंगखुनपूजा आदि।