सन्दर्भ:
: हिमाचल प्रदेश के रौलेन उत्सव (Raulane Festival) की चटकीली, रंगीन और बेहद आकर्षक तस्वीरें हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जहाँ उपयोगकर्ता सदियों पुरानी परंपरा के अनोखे अनुष्ठान और संस्कृति पर चर्चा कर रहे थे।
रौलाने उत्सव के बारे में:
- यह हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा में सर्दियों या बसंत ऋतु के आरंभ में मनाया जाने वाला एक पारंपरिक उत्सव है।
- ऐसा माना जाता है कि यह लगभग 5,000 वर्ष पुराना है।
- यह प्राचीन उत्सव सौनी नामक दिव्य परियों का सम्मान करता है, जिन्हें तेजस्वी और सौम्य प्राणी कहा जाता है।
- स्थानीय लोगों का मानना है कि सौनी कठोर सर्दियों के दौरान ग्रामीणों को गर्मी और मार्गदर्शन प्रदान करके उनकी रक्षा करते हैं।
- इस उत्सव के दौरान, दो पुरुष प्रतीकात्मक रूप से “विवाह” करते हैं और सौनी के लिए पात्र बन जाते हैं, जो एक दिव्य जोड़े, रौला (दूल्हा) और रौलाने (दुल्हन) का प्रतीक हैं।
- वे भारी ऊनी वस्त्र, आभूषण और अनोखे मुखौटे पहनते हैं।
- वे नागिन नारायण मंदिर में एक धीमा, ध्यानपूर्ण नृत्य भी करते हैं, और पूरा समुदाय इसमें शामिल होता है।
- रौलाने उत्सव प्राचीन हिमालयी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करता है, जहाँ ग्रामीण अपने रक्षकों का सम्मान करने के लिए एक साथ आते हैं।
