सन्दर्भ:
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: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की विषयवस्तु का अनावरण किया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की विषयवस्तु/थीम है:
: “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान”
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 प्रमुख तथ्य:
: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) हर वर्ष 28 फरवरी को ‘रमन प्रभाव’ की खोज के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है।
: भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) के रूप में नामित किया।
: इसी दिन सर सी.वी. रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी, जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
: इस अवसर पर पूरे देश में विषय आधारित विज्ञान संचार गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
: देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में देश के लिए दूरगामी प्रभाव वाले कई नए ऐतिहासिक सुधारों की शुरुआत करके तेजी से प्रगति की है।
: भारत की नई योजना, जिसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2020 कहा जाता है- द्वारा विज्ञान को अधिक प्रभावी ढंग से और विशेषज्ञों द्वारा संचालित करने की योजना है।
क्या है रमन प्रभाव:
: 28 फरवरी 1928 को प्रतिष्ठित भारतीय भौतिक विज्ञानी सी.वी. रमन ने एक महत्वपूर्ण खोज की थी, जिसे रमन प्रभाव के नाम से जाना जाता है।
: खोज यह थी कि जब रंगीन प्रकाश की किरण किसी द्रव में प्रवेश करती है, तो उस द्रव द्वारा प्रकीर्णित प्रकाश का एक अंश भिन्न रंग का होता है।
: रमन ने दिखाया कि इस बिखरे हुए प्रकाश की प्रकृति विद्यमान नमूने के प्रकार पर निर्भर थी।
विषयवस्तु से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: यह विषय भारत के G-20 की अध्यक्षता संभालने के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।
: भारत के 2023 में प्रवेश करने के साथ ही यह विषय भारत की उभरती वैश्विक भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उसकी बढ़ती दृश्यता को इंगित करता है।
: वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” (ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेलबीइंग)” विषयवस्तु को वैश्विक संदर्भ में वैज्ञानिक मुद्दों की सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के उद्देश्य से चुना गया है और जिसका वैश्विक भलाई पर प्रभाव भी पड़ रहा है।