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रक्छम चितकुल वन्यजीव अभयारण्यरक्छम चितकुल वन्यजीव अभयारण्य
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संदर्भ:

: हिमाचल प्रदेश के रक्छम चितकुल वन्यजीव अभयारण्य में एक अंतर्राष्ट्रीय पक्षी-दर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 15 देशों के प्रतिभागियों ने 35 से अधिक पक्षी प्रजातियों को देखा।

रक्छम चितकुल वन्यजीव अभयारण्य के बारें में:

: यह हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित है।
: यह 30.98 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
: यह समुद्र तल से 3200 से 5486 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
: यह पश्चिमी हिमालय पर्वतमाला का एक भाग है।
: यह बर्फ से ढके पहाड़ों, हरी-भरी घाटियों और कलकल करती नदियों से घिरा हुआ है।
: खतरनाक लामखंगा दर्रा इस अभयारण्य से होकर गुजरने वाले कई ट्रैकिंग मार्गों में से एक है।
: यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर प्रांत को उत्तराखंड के गंगोत्री क्षेत्र से जोड़ता है।
: हिमाचल प्रदेश के अन्य अभयारण्यों की जलवायु के विपरीत, यह अभयारण्य शुष्क क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यहाँ मानसून नहीं आता।
: वनस्पति- अभयारण्य में पाई जाने वाली कुछ सामान्य वनस्पतियों में रोडोडेंड्रोन, ओक के पेड़, देवदार के पेड़ और औषधीय जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं।
: जीव-जंतु- यह वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों का भी घर है, जैसे हिम तेंदुए, हिमालयी काले भालू, कस्तूरी मृग और कई पक्षी प्रजातियां।
: इसका महत्व:-

  • पश्चिमी और ट्रांस-हिमालयी पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच जैव विविधता सेतु के रूप में कार्य करता है।
  • राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना के अंतर्गत वन्यजीव संरक्षण और पारिस्थितिक पर्यटन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है।

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By gkvidya

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