सन्दर्भ:
: मेड इन इंडिया लेबल योजना (Made in India Label Scheme) घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देती है और उपभोक्ताओं को उत्पाद की उत्पत्ति के बारे में जानकारी देती है।
मेड इन इंडिया लेबल योजना के बारें में:
: यह एक ऐसी पहल है जो भारत में निर्मित उत्पादों के लिए एक ब्रांड प्रतिष्ठा, मज़बूत पहचान और व्यापक पहुँच का निर्माण करके विनिर्माण उद्योग को सहायता प्रदान करती है।
: इसका लक्ष्य- भारत में निर्मित उत्पादों की प्रतिष्ठा को मज़बूत करना।
: यह भारत में निर्मित और/या स्थानीय रूप से प्राप्त कच्चे माल से तैयार किए गए उत्पादों की प्रामाणिकता की भी गारंटी देता है।
: यह एक स्वैच्छिक प्रमाणन योजना है जो निर्माताओं को यह प्रदर्शित करने में मदद करती है कि उनके उत्पाद भारत में निर्मित हैं और अच्छी गुणवत्ता के हैं।
: लेबल पर एक क्यूआर कोड और एक लोगो प्रदर्शित होता है जिसमें निर्माण स्थल, लेबल की वैधता और उत्पाद-विशिष्ट अन्य जानकारी शामिल होती है।
: इस पहल का नेतृत्व उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) कर रहा है।
: भारतीय गुणवत्ता परिषद और इंडिया ब्रांड इक्विटी फ़ाउंडेशन सलाहकार के रूप में DPIIT के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।
: मेड इन इंडिया लेबल योजना के उद्देश्य:-
- यह योजना उत्पाद को उसके मूल के आधार पर पहचान प्रदान करती है।
- यह भारतीय मूल के उत्पादों को योग्य बनाने और ब्रांडिंग करने के लिए एक तंत्र विकसित करती है।
- यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय मूल के उत्पादों को मान्यता दिलाने में भी सहायता करता है।
- मेड इन इंडिया लेबल प्रतिस्पर्धी बाजार में उत्पाद की स्थिति को मजबूत करता है, क्योंकि यह लेबल प्रामाणिकता, गुणवत्ता और अन्य उत्पादों से अलग होने का संकेत देता है।
: पात्रता मानदंड:-
- निर्माता और उत्पादक जो अपने उत्पादों का निर्माण या संयोजन पूर्णतः या अधिकांशतः भारत में करते हैं।
- प्रत्येक उत्पाद के लिए संबंधित नियामक निकायों द्वारा निर्धारित विशिष्ट गुणवत्ता और विनिर्माण मानदंड हैं, जिन्हें अनुमति प्राप्त करने से पहले पूरा करना आवश्यक है।