सन्दर्भ:
: भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम मेक इन इंडिया, ने अपने गौरवशाली आठ वर्ष पूरे किए।
विशेषता:
: यह निवेश को सुगम बनाता है, नवोन्मेषण को बढ़ावा देता है, कौशल विकास में वृद्धि करता है तथा विनिर्माण अवसंरचना वर्ग में सर्वश्रेष्ठ का निर्माण करता है।
मेक इन इंडिया के बारें में:
: 25 सितंबर, 2014 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व के तहत लांच किया गया।
: यह पहल विश्व भर में संभावित निवेशकों तथा साझीदारों को ‘नये भारत’ की विकास गाथा में भाग लेने हेतु एक खुला आमंत्रण है।
: मेक इन इंडिया ने विनिर्माण तथा सेवाओं जैसे रणनीतिक सेक्टर सहित 27 सेक्टरों में पर्याप्त उपलब्धियां हासिल की हैं।
: भारत सरकार ने एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है जिसमें अधिकांश सेक्टर ऑटोमैटिक रूट के तहत एफडीआई के लिए खुले हैं।
: मेक इन इंडिया पहल को सुदृढ़ बनाने के लिए, भारत सरकार द्वारा कई अन्य उपाय किए गए हैं।
: वित्त वर्ष 2014-15 में भारत में एफडीआई आवक 45.15 बिलियन डॉलर था जो वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 83.6 बिलियन डॉलर हो चूका है।
: यह एफडीआई 101 देशों से आया है और भारत में 31 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों तथा 57 सेक्टर में निवेश किया गया है।
: अब आर्थिक सुधारों तथा व्यवसाय करने की सुगमता की बदौलत, देश चालू वित्त वर्ष के दौरान 100 बिलियन डॉलर एफडीआई आकर्षित करने की राह पर है।
: मेक इन इंडिया पहल के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में 14 प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम (PLI) वित्त वर्ष 2020-21 में लांच की गई।
: ये पीएलआई स्कीम रणनीतिक वृद्धि के सेक्टरों में, जहां भारत को तुलनात्मक रूप से बढ़त हासिल है, घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करती है।
: इसी तरह भारत सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले, डिजाइन इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए 10 बिलियन डॉलर की एक प्रोत्साहन स्कीम लांच की है।
: व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने के लिए सितंबर 2021 में राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) भी सॉफ्ट-लांच किया गया है।
: देश में विनिर्माण जोनों को मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए एक प्रोग्राम प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्यक्रम भी लांच किया है।
: एक जिला एक उत्पाद (ODOP) पहल ‘मेक इन इंडिया’ विजन की एक और अभिव्यक्ति है।
: प्रधानमंत्री ने भारत को एक वैश्विक खिलौना निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने और घरेलू डिजाइनिंग तथा विनिर्माण क्षमताओं को सुदृढ़ बनाने की इच्छा व्यक्त की।
: क्योकि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, हमारे देश में 371 मिलियन डॉलर (2960 करोड़ रुपये) के बराबर के खिलौनों का आयात हुआ।
: और अब खिलौनों के आयात में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 70% से अधिक की गिरावट आई है और ये 110 मिलियन डॉलर (877.8 करोड़ रुपये) तक नीचे आ गए हैं।
: उद्योग के प्रयासों की बदौलत वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 326 मिलियन डॉलर (2601.5 करोड़ रुपये) के बराबर खिलौनों का निर्यात किया गया है।
: देश का व्यवसाय परितंत्र भारत में व्यवसाय करने वाले निवेशकों के लिए अनुकूल रहे तथा देश के विकास और वृद्धि में योगदान देता रहे, मेक इन इंडिया पहल यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।