सन्दर्भ:
: ISRO ने चन्द्रमा की कक्षा तक लड़कियों की उड़ान, मिशन ShakthiSAT के लिए 108 देशों की लगभग 12,000 प्रतिभाशाली लड़कियों को एक साथ लाया है।
इसके उद्देश्य है:
: अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक सहयोग को प्रेरित करना।
: युवा महिलाओं को सशक्त बनाकर STEM में लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देना।
: छात्रों द्वारा विकसित पेलोड का उपयोग करके चंद्रमा की कक्षा में वैज्ञानिक प्रयोग करना।
मिशन ShakthiSAT के बारे में:
: यह लड़कियों का चंद्र मिशन है, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण में वैश्विक प्रतिभा को प्रदर्शित करते हुए, चंद्रमा की कक्षा में उपग्रह का डिजाइन, निर्माण और प्रक्षेपण शामिल है।
: इसे सितंबर 2026 के लिए निर्धारित, इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) द्वारा प्रक्षेपित किया जा सकता है।
: इसमें शामिल संगठन-
- ISRO: मिशन का नेतृत्व करना।
- Space Kidz India (SKI): छात्र भागीदारी और पेलोड विकास का समन्वय करना।
- IN-SPACe: परियोजना में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाना।
: इसकी विशेषताएँ:
- वैश्विक प्रतिनिधित्व: 108 देशों की 12,000 लड़कियों की भागीदारी।
- कौशल विकास: उपग्रह के लिए पेलोड बनाने हेतु शीर्ष 108 लड़कियों को चेन्नई में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- आयु मानदंड:
1-अफ्रीकी/लैटिन अमेरिकी देश: 14-18 वर्ष की आयु की लड़कियाँ।
2-अन्य क्षेत्र: 14-16 वर्ष की आयु की लड़कियाँ।
