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मासिक धर्म स्वच्छता सर्वेक्षण 2025मासिक धर्म स्वच्छता सर्वेक्षण 2025
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सन्दर्भ:

: एवरटीन मासिक धर्म स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 से मासिक धर्म स्वास्थ्य के संबंध में सोशल मीडिया पर फैली भयावह गलत सूचना का पता चलता है, जिसमें केवल 11.5% महिलाएं ही आपात स्थिति के दौरान ऑनलाइन सलाह पर भरोसा करती हैं।

मासिक धर्म स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के बारे में:

: मासिक धर्म स्वच्छता- मासिक धर्म स्वच्छता से तात्पर्य मासिक धर्म के दौरान सुरक्षित और स्वस्थ प्रथाओं से है, जिसमें शामिल हैं: स्वच्छ सैनिटरी उत्पादों (पैड, कप, टैम्पोन) का उपयोग, उचित निपटान के तरीके, तथा स्वच्छता सुविधाओं और शिक्षा तक पहुंच।
: प्रमुख आंकड़े (भारत एवं वैश्विक):-

  • 71.6% भारतीय महिलाएँ सोशल मीडिया पर मासिक धर्म के बारे में जानकारी पाती हैं, लेकिन केवल 11.5% ही आपातकालीन स्थितियों में इस पर भरोसा करती हैं।
  • 82.7% को मासिक धर्म में दर्द का अनुभव होता है, फिर भी 41.5% दर्द निवारक का उपयोग नहीं करती हैं।
  • 87.8% सैनिटरी पैड का उपयोग करती हैं, जबकि 5.7% डिस्पोजेबल पीरियड पैंटी का विकल्प चुनती हैं (सर्वेक्षण 2025)।
  • 35.4% सुविधा के कारण मासिक धर्म संबंधी उत्पाद ऑनलाइन खरीदती हैं।
  • विश्व स्तर पर, 500 मिलियन महिलाओं के पास मासिक धर्म स्वच्छता सुविधाओं तक पहुँच नहीं है (यूनिसेफ)।

: मासिक धर्म स्वच्छता में चुनौतियाँ:-

  • गलत सूचना और मिथक:
    * झूठे उपचार (जैसे, ऐंठन के लिए कॉफी, त्वचा की देखभाल के लिए मासिक धर्म का खून)।
    * अंधविश्वास (मंदिरों में जाने से बचना, बाल न धोना)।
  • कलंक एवं गोपनीयता संबंधी चिंताएं:
    * 6% गोपनीयता के डर के कारण मासिक धर्म पर ऑनलाइन चर्चा करने से बचते हैं।
    * 4% निर्णय से डरते हैं (सर्वेक्षण 2025)।

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By gkvidya

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